Thursday, November 6, 2025
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यंग डायबिटीज पेशेंट्स में सबसे पहले आंखों पर दिखता है असर, जानें क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी?



भारत में डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है और अब इसका असर युवाओं में भी दिखने लगा है. ICMR–India Diabetes 2024 की स्टडी के अनुसार देश में हर छठा डायबिटीज पेशेंट 40 साल से कम उम्र का है. इतनी कम उम्र में डायबिटीज होना आगे चलकर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. वहीं इन्हीं में से एक डायबिटिक रेटिनोपैथी है जो आंखों के रेटिना को नुकसान पहुंचती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि यंग डायबिटीज पेशेंट्स में सबसे पहले आंखों पर कैसे असर दिखाता है और डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है.

क्या है डायबिटीज रेटिनोपैथी?

डायबिटिक रेटिनोपैथी ऐसी कंडीशन है, जिसमें लगातार बदलते ब्लड शुगर लेवल के कारण रेटिना की छोटी ब्लड सेल्स कमजोर हो जाती है. वहीं रेटिना आंख का वह हिस्सा है जो रोशनी को पहचानता है और देखने में मदद करता है. ब्लड शुगर बढ़ने पर इन सेल्स में सूजन या ब्लीडिंग होने लगती है और धीरे-धीरे नई असामान्य सेल्स बनने लगती है जो आंखों की रोशनी पर असर डालती है. अगर समय पर इसका पता न लगे तो यह पूरी तरह अंधेपन का खतरा पैदा कर सकती हैं.

यंग पेशेंट में बढ़ रहा सबसे ज्यादा खतरा

कम उम्र में डायबिटीज होने वाले मरीजों में यह खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि बीमारी की अवधि लंबी होती है. ऑल इंडिया ऑप्थैल्मोलॉजिकल सोसायटी 2025 के आंकड़ों के अनुसार 40 साल से कम उम्र के लगभग 12 से 15 प्रतिशत भारतीय डायबिटीज मरीजों में रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षण दिखने लगते हैं. इसे लेकर एक्सपर्ट्स कहते हैं की रेटिना आंख का सबसे संवेदनशील हिस्सा है और डायबिटीज का सबसे पहला असर यहीं पर दिखाई देता है. शुरुआती स्टेज में इसका कोई लक्षण नहीं होता है, लेकिन अंदर ही अंदर नुकसान शुरू हो जाता है. इसलिए ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना और साल में कम से कम एक बार आंख की जांच करना बहुत जरूरी होता है.

आधुनिक लाइफस्टाइल से बढ़ रहा खतरा

लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल रेटिना तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई को प्रभावित करता है. इससे आंखों की कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन बढ़ती है. वहीं आजकल की लाइफ स्टाइल जैसे प्रोसेस्ड फूड खाना, स्क्रीन टाइम बढ़ना, तनाव और नींद की कमी भी इस समस्या को और बढ़ा देती है.  इसके अलावा ब्लड प्रेशर हाई कोलेस्ट्रॉल और स्मोकिंग की आदत रेटिना की सेल्स को और कमजोर कर देती है.

कैसे करें आंखों की सुरक्षा?

  • आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें.
  • वहीं अपनी डाइट में फाइबर, हरी सब्जियां, खट्टे फल, मछली, अलसी और अखरोट जैसे फूड शामिल करें.
  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की जगह साबुत अनाज और मिलेट्स का सेवन करें.
  • रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें.
  • पर्याप्त पानी पिएं और 7 से 8 घंटे की नींद लें.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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