बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा विधानसभा सीट से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कद्दावर प्रत्याशी अनंत सिंह ने बिहार चुनाव के नतीजों में प्रचंड जीत दर्ज की है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अनंत कुमार सिंह को कुल 91,416 वोट प्राप्त हुए. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी और अपने प्रतिद्वंद्वी वीणा देवी को 28,206 वोटों से पछाड़ दिया, लेकिन इस जीत के बाद एक सवाल मोकामा और बिहार की जनता के मन में घूम रहा है. वो सवाल यह है कि क्या अनंत सिंह इस बार विधानसभा में शामिल हो पाएंगे? क्या वे इस बार एक विधायक के तौर पर शपथ ग्रहण कर पाएंगे?
दरअसल, इन सवालों की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह इस वक्त जेल में बंद हैं. अनंत सिंह पर करीब दो हफ्ते पहले जन सुराज पार्टी के समर्थक और बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप है, जिसे लेकर उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है और वे इस वक्त जेल में बंद हैं. ऐसे में इन सवालों का उठना लाजमी है कि चुनाव में जीत दर्ज कर लेने के बाद क्या अनंत सिंह बिहार विधानसभा में शामिल हो पाएंगे?
क्या शपथ ग्रहण के लिए विधानसभा पहुंच पाएंगे अनंत सिंह?
बिहार और मोकामा की जनता के इन सवालों का जवाब अब अदालत के फैसले पर टिका है. दरअसल, अनंत सिंह पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, इसमें से एक मामले में उन्हें कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें विधानसभा से अयोग्य ठहराते हुए उनकी सदस्यता को रद्द कर दी गई थी. हालांकि, बाद में उन्हें हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था.
चार्जशीट नहीं हुई दाखिल
इस बार विधानसभा चुनाव के बीच दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में अनंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है. इस प्रक्रिया को पूरा करने में पुलिस को दो से तीन महीने का समय भी लग सकता है. ऐसे में प्रक्रिया पूरी होने के पहले अनंत सिंह के लिए जेल से बाहर आना मुश्किल है.
क्या विधायक के तौर पर ले पाएंगे शपथ?
अनंत सिंह के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. ऐसे में क्या वे शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी जेल के बाहर आ पाएंगे, इस सवाल का जवाब अदालत के फैसले पर निर्भर करता है, क्योंकि कोर्ट हत्या जैसे संगीन अपराध मामले आसानी से जमानत नहीं देती है. हालांकि, चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट उन्हें जमानत दे सकती है, लेकिन यह भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है.
विधानसभा में कैसे दाखिल हो सकते हैं अनंत सिंह?
वहीं, अगर अनंत सिंह के चुनाव में जीत के बाद विधानसभा में दाखिल होने की बात करें तो वह जमानत और शपथ ग्रहण के बाद ही विधानसभा में जा सकते हैं और वहां की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं. अब इस मामले में अंतिम फैसला कोर्ट के हाथ में है, अगर कोर्ट अनंत सिंह को जमानत दे देती है, तभी वह विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो पाएंगे.
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