Friday, October 31, 2025
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‘मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी ऊषा एक दिन ईसाई बन जाए’, अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD वेंस ने सरेआम कह दी ये बात



अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चाहते हैं कि उनकी पत्नी ऊषा वेंस भी ईसाई धर्म अपनाएं. यह बात उन्होंने मिसिसिपी में आयोजित टर्निंग पॉइंट यूएसए के एक कार्यक्रम में कही. वेंस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी पत्नी उषा वेंस, जो हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, एक दिन कैथोलिक चर्च से प्रभावित होकर ईसाई धर्म अपनाएंगी.

कार्यक्रम में जब जेडी वेंस से पूछा गया कि क्या उनकी पत्नी ‘कभी ईसाई धर्म अपनाएंगी,’ तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया-‘ज्यादातर रविवार को उषा मेरे साथ चर्च आती हैं. मैं हमेशा उनसे कहता हूं कि हां, मैं चाहता हूं कि वे भी उसी चीज से प्रभावित हों जिससे मैं हुआ हूं. मैं ईसाई धर्म में विश्वास करता हूं और चाहता हूं कि एक दिन मेरी पत्नी भी उसे उसी तरह समझें.’

रिश्ते में कोई तनाव नहीं – वेंस
जेडी वेंस ने आगे कहा कि धर्म का अंतर उनके रिश्ते में कोई तनाव नहीं लाता. अगर वह (उषा) ईसाई धर्म नहीं भी अपनातीं, तो भी यह मेरे लिए कोई समस्या नहीं है. भगवान ने हर इंसान को स्वतंत्र इच्छा दी है. ये बातें आप अपने परिवार और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर तय करते हैं.

वेंस ने 2019 में अपनाया कैथोलिक धर्म
जेडी वेंस ने साल 2019 में कैथोलिक धर्म अपनाया था. उन्होंने बताया कि जब उनकी मुलाकात उषा से हुई थी, तब वे खुद को अज्ञेयवादी या नास्तिक मानते थे. बाद में उन्होंने धर्म की ओर रुख किया. उनके बच्चे अब ईसाई परिवेश में पल रहे हैं और एक क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ते हैं.

ईसाई मूल्य ही अमेरिका की नींव हैं- उपराष्ट्रपति
कार्यक्रम के दौरान वेंस ने अपने संबोधन में कहा कि वे अमेरिका को ईसाई मूल्यों पर आधारित देश मानते हैं. उन्होंने कहा-‘मैं ये कहने में कोई हिचक नहीं रखता कि ईसाई मूल्य इस देश की नींव हैं. जो लोग कहते हैं कि उनका नजरिया तटस्थ है, उनके पीछे भी कोई एजेंडा छिपा होता है. कम से कम मैं ईमानदारी से कहता हूं कि मुझे लगता है कि देश का ईसाई आधार एक अच्छी चीज है.’

भारतीयों के खिलाफ बढ़ी नफरत के बीच आया बयान
जेडी वेंस का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका में H-1B वीजा और भारतीय प्रवासियों को लेकर बहस तेज हो गई है. हाल के महीनों में भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणियों और नफरत भरे भाषणों के मामले बढ़े हैं. कई समूहों ने भारतीय नागरिकों को देश से बाहर निकालने की मांग तक की है.



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