भारत के मेडिकल एजुकेशन में जल्द ही एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नेशनल मेडिकल कमीशन ने साफ किया है कि देश में मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट परीक्षा को लागू करने की तैयारी चल रही है. यह परीक्षा मौजूदा नीट पीजी की जगह लेगी और डॉक्टर बनने की पूरी प्रक्रिया को बदल देगी. हालांकि NExT को फिलहाल तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अब NEET, NExT में कैसे बदल जाएगी और डॉक्टर बनने की पूरी प्रक्रिया भी कैसे चेंज हो जाएगी.
डॉक्टर से लेकर लाइसेंस और पीजी ऐडमिशन तक एक ही परीक्षा
अब तक जहां नीट मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्स में एडमिशन का रास्ता तय करता था. वहीं अब एनएमसी के अनुसार, नेक्स्ट परीक्षा से आगे जाकर डॉक्टर बनने, मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस हासिल करने और पोस्ट ग्रेजुएट एडमिशन तक की प्रक्रिया को एक ही परीक्षा से जोड़ दिया जाएगा. एनएमसी के अनुसार, नेक्स्ट को एक समान परीक्षा के रूप में डिजाइन किया गया है ताकि देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स का मूल्यांकन एक ही लेवल पर किया जा सके. इससे मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी और डॉक्टरों की क्वालिफिकेशन में भी सुधार होने की उम्मीद है.
फिलहाल लागू नहीं होगा नेक्स्ट
एनएमसी के चेयरमैन के अनुसार, नेक्स्ट परीक्षा को अगस्त 2025 से लागू करने की योजना थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था. एनएमसी चेयरमैन के अनुसार परीक्षा को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि पहले इसकी तैयारी, स्ट्रक्चर और फीडबैक पर काम किया जाएगा. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन से हुई बैठक के बाद एनएमसी ने कहा कि अगले तीन से चार सालों तक पहले मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे. इन ट्रायल एग्जाम से यह जांच की जाएगी कि नेक्स्ट को लागू करना कितना सही है. टेस्ट का पूरा खर्चा एनएमसी ही उठाएगी.
छात्रों और डॉक्टरों ने जताया था विरोध
नेक्स्ट परीक्षा को लेकर पहले भी स्टूडेंट्स और कई डॉक्टर संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था. 2019 में एनएमसी ने 2019 बैच के लिए 2023 में नेक्स्ट आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन स्टूडेंट्स के विरोध के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था. स्टूडेंट का कहना था कि यह परीक्षा एनएमसी अधिनियम 2019 के प्रावधानों के खिलाफ है और इससे पढ़ाई का दबाव बढ़ जाएगा.
नीट-पीजी की जगह लेगा एनएमसी
अगर नेक्स्ट लागू होता है तो NEET-PG, FMGE और MBBS फाइनल ईयर एग्जाम की परीक्षाएं खत्म हो जाएगी . दरअसल अगर नेक्स्ट लागू होता है तो एमबीबीएस छात्रों को फाइनल ईयर परीक्षा की जगह नेक्स्ट देना होगा. वहीं पोस्टग्रेजुएट में एडमिशन नेक्स्ट में मिली मेरिट के आधार पर ही होगा. इसके अलावा विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को अब अलग से एफएमजीई देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वह भी भारतीय छात्रों के साथ नेक्स्ट में शामिल हो सकेंगे.
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