Tuesday, November 4, 2025
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भारत के शिक्षण संस्थानों ने फिर बजाई एशिया में सफलता की घंटी, 7 भारतीय यूनिवर्सिटीज टॉप-100 में शामिल



भारत के लिए गर्व की बात है कि एक बार फिर देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान एशिया की शीर्ष यूनिवर्सिटीज की सूची में चमकते नजर आए हैं. मंगलवार को जारी QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग 2025 के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कानपुर और खड़गपुर, साथ ही भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) एशिया के शीर्ष 100 संस्थानों में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं.

लंदन स्थित रैंकिंग एजेंसी क्यूएस (QS) ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत के कुल 7 संस्थान टॉप-100 में, 20 संस्थान टॉप-200 में और 66 संस्थान टॉप-500 में शामिल हुए हैं. यह उपलब्धि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता, शोध क्षमता और वैश्विक पहचान को दर्शाती है.

भारत के शिक्षण संस्थानों का बढ़ता प्रभाव

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस बार भारत के 36 संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ है. वहीं 16 संस्थान अपने पुराने स्थान पर बने रहे, जबकि 105 संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई. हालांकि इसके बावजूद भारत का प्रदर्शन अन्य एशियाई देशों की तुलना में कहीं अधिक स्थिर और बेहतर माना जा रहा है.

क्यूएस ने कहा कि रैंकिंग में इस साल का “विस्तार” अधिक प्रतिस्पर्धा और बदलते मानकों के कारण थोड़ा अस्थिर रहा, लेकिन भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी मजबूती साबित की है.

आईआईटी दिल्ली फिर बना भारत का नंबर-1 संस्थान

भारत के आईआईटी संस्थानों में आईआईटी दिल्ली लगातार पांचवें साल देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान घोषित हुआ है. इसने इस बार एशियाई स्तर पर 59वां स्थान हासिल किया.
वहीं, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर भी टॉप-100 की सूची में शामिल रहे — जो यह साबित करता है कि भारत के तकनीकी संस्थान लगातार ग्लोबल मानकों पर खरे उतर रहे हैं.

शोध और नवाचार में भारत सबसे आगे

  • क्यूएस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पीएचडी धारकों और शोध कार्यों की संख्या के मामले में भारत पूरे एशिया में शीर्ष स्थान पर है.
  • इसका मतलब यह है कि भारतीय संस्थान न केवल पढ़ाई बल्कि रिसर्च, नवाचार और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के कई विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय सहयोग, डिजिटल शिक्षा और उद्योग से जुड़ी रिसर्च पर जोर दे रहे हैं, जिससे उनकी ग्लोबल रैंकिंग में सुधार देखने को मिल रहा है.

दिल्ली विश्वविद्यालय और IISc का प्रदर्शन भी शानदार

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