Sunday, July 27, 2025
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ब्रिटेन के पेस्ट्री, पेट फूड और ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर भारत की टैरिफ छूट, ये उत्पाद रहेंगे बाहर


India-UK FTA

Photo:PTI भारत- ब्रिटेन FTA

भारत ने हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत पेस्ट्री, पालतू पशुओं के भोजन, सौंदर्य प्रसाधन और माइक्रोवेव ओवन सहित कई ब्रिटिश वस्तुओं पर शुल्क में रियायतें दी हैं, जबकि घरेलू हितों की रक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों को इससे बाहर रखा है। पिछले बृहस्पतिवार को हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) केक, प्रोटीन कॉन्संट्रेट, पशुओं के भोजन, साबुन, शेविंग क्रीम, डिटर्जेंट, और एयर कंडीशनर (एसी) व वाशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों जैसे ब्रिटिश उत्पादों तक शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करता है। हालांकि, ये रियायतें विभिन्न क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से दी जा रही हैं ताकि भारतीय उद्योग को ब्रिटिश कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने का पर्याप्त समय मिल सके। यह समझौता लगभग एक वर्ष में लागू होगा क्योंकि इसके लिए ब्रिटिश संसद की मंज़ूरी आवश्यक है। 

अभी किस आइटम पर कितना शुल्क

उदाहरण के लिए, चॉकलेट, जिस पर वर्तमान में 33 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है, पर अगले सात वर्षों में समान वार्षिक कटौती के साथ यह शुल्क शून्य हो जाएगा। पेस्ट्री, केक और प्रोटीन कॉन्संट्रेट जैसे स्नैक आइटम, जिन पर क्रमशः 33 प्रतिशत और 44 प्रतिशत कर लगता है, 10 साल की अवधि में शुल्क-मुक्त हो जाएंगे। प्रसंस्कृत खाद्य श्रेणी में, पालतू जानवरों के भोजन, जिन पर वर्तमान में 22 प्रतिशत कर लगता है, को सात वर्षों के भीतर पूर्ण शुल्क समाप्ति का लाभ मिलेगा।

90 प्रतिशत वस्तुओं पर घटेगा शुल्क

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के विश्लेषण के अनुसार, भारत ने ब्रिटेन से आयातित लगभग 90 प्रतिशत वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करने या समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “इस समझौते में विभिन्न क्षेत्रों- चॉकलेट और उपभोक्ता उपकरणों से लेकर औद्योगिक कच्चे माल तक में चरणबद्ध रियायतें शामिल हैं, जबकि रणनीतिक रूप से चाय, कॉफी और सोने जैसी संवेदनशील वस्तुओं को इससे बाहर रखा गया है।” भारत कॉफ़ी और चाय पर 110 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाता है। इन वस्तुओं को सीईटीए के तहत किसी भी शुल्क राहत से बाहर रखा गया है, जो घरेलू किसानों और खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं की सुरक्षा के भारत के प्रयासों को दर्शाता है। शुल्क को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना अलग-अलग समय-सीमाओं में बनाई गई है। 

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