बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. इस बीच ज्यादातर एग्जिट पोल ने नीतीश कुमार नीत एनडीए की औसतन 125 सीटों पर जीत के साथ सत्ता में वापसी का दावा किया है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन को औसतन 87 सीटें दी हैं. अब सवाल उठता है कि एग्जिट पोल पर कितना भरोसा किया जाए? इतिहास क्या कहता है?
आइए जानते हैं कि पिछले ढाई दशक और चार विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल कितने सटीक और गलत हुए
जब बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में गलत साबित हुए थे एग्जिट पोल
साल 2020 में औसतन 11 एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया था कि कम अंतर से ही सही, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नीत महागठबंधन की सरकार बनेगी. उस दौरान कई एग्जिट पोल ने महागठबंधन के 125 सीटें जीतने का दावा किया था जो बहुमत के आंकड़े (122) से तीन सीटें ज्यादा था. वहीं, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 108 सीटें मिलने की बात कही गई थी.
2020 में ये एवरेज 11 एग्जिट पोल गलत साबित हुए. एनडीए को 17 सीटें ज्यादा मिलीं और महागठबंधन को 15 सीटें कम. एग्जिट पोल के आंकड़ों के उलट NDA की सरकार आई थी. परिणाम अंततः यह हुआ कि एनडीए ने सदन में बहुमत का आंकड़ा बहुत कम अंतर से पार कर लिया. सत्तारूढ़ गठबंधन दल एनडीए को 125 सीटें (बीजेपी- 74, जेडीयू- 43) मिलीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें (RJD- 75, कांग्रेस- 19) मिलीं.
साल 2015 में कितने सही हुए एग्जिट पोल?
साल 2015 में नीतीश कुमार की JDU महागठबंधन का हिस्सा हुआ करती थी और बीजेपी NDA का नेतृत्व कर रही थी. NDA में अन्य स्थानीय दल भी शामिल थे. उस समय 6 बड़े एग्जिट पोल ने दावा किया था कि महागठबंधन और एनडीए में बराबर की टक्कर होगी, लेकिन सरकार महागठबंधन की बनेगी. एग्जिट पोल्स ने अनुमान लगाया था कि महागठबंधन को 123 सीटें तो वहीं बीजेपी नीत एनडीए को 114 सीटें मिल सकती हैं.
वहीं, तीन अन्य एग्जिट पोल ने महागठबंधन भारी अंतर से जीत दिलाई थी और दो एग्जिट पोल का मानना था कि एनडीए सरकार बनाएगी. इसके अलावा, एक एग्जिट पोल ऐसा था, जिसने त्रिशंकु विधानसभा के आसार जताए थे.
इसके बाद हुआ यह कि महागठबंधन दो-तिहाई सीटों पर जीतकर बहुत बड़े अंतर से सत्ता में आई. यानी एग्जिट पोल ने जीत का आंकड़ा तो सही बताया, लेकिन महागठबंधन उम्मीद से ज्यादा सीटें लेकर आई.
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में महागठबंधन ने 178 सीटें जीतीं (RJD- 80, JDU- 71, कांग्रेस- 27), जबकि NDA केवल 58 निर्वाचन क्षेत्रों (BJP- 53) पर जीत हासिल कर सका.
बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में कहां पीछे रहे थे एग्जिट पोल?
2010 के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने एनडीए की जीत का दावा तो किया था लेकिन नीतीश कुमार की लहर को कम आंक लिया था. बीजेपी और जेडीयू एनडीए का हिस्सा थे, जबकि लोजपा ने आरजेडी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. जेडीयू को 115 सीटें, तो बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं. इसके अलावा, आरजेडी 22 सीटें लाई थी, कांग्रेस 4 और लोजपा 3 सीटों पर जीती थी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2005 में क्या हुआ था?
एग्जिट पोल ने एनडीए की जीत का अनुमान लगाया था, और ज्यादातर एग्जिट पोल ने एनडीए को 120 से 130 सीटें दी थीं, जबकि आरजेडी+ को 90 से 100 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था.
क्या था परिणाम?
जेडीयू ने 88 तो बीजेपी ने 55 सीटें जीती थीं, जबकि आरजेडी को 54 सीटें मिलीं. वहीं, एलजेपी को 10 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं. इस दौरान भी आंकड़ों में एग्जिट पोल काफी पीछे रह गए थे.


