
भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बिहार चुनाव का नतीजा इस बार बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। अगर इस बार के विधानसभा चुनाव में मौजूदा सरकार की वापसी नहीं होती, तो शेयर बाजार में 5 से 7 फीसदी तक की तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म InCred Research ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बिहार में मौजूदा सरकार को झटका लगता है और कोई नया गठबंधन सत्ता में आता है, तो निवेशक बाजार में कोएलिशन डिस्काउंट को कीमतों में शामिल करना शुरू कर सकते हैं। ऐसे में निफ्टी और सेंसेक्स जैसे बेंचमार्क इंडेक्स में शॉर्ट-टर्म करेक्शन यानी अल्पावधि की गिरावट आ सकती है।
ब्रोकरेज फर्म का क्या कहना?
InCred Research ने कहा कि बिहार का नतीजा राष्ट्रीय राजनीति के लिए संकेतक की तरह काम करेगा। अगर सत्ता परिवर्तन होता है, तो बाजार में नीतिगत अस्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनडीए और महागठबंधन (MGB) के बीच वोट शेयर में बहुत मामूली अंतर है दोनों का औसत हिस्सा करीब 33 फीसदी के आसपास अनुमानित है। वहीं, 3-6% वोट स्विंग पिछड़े वर्गों और युवा मतदाताओं में हुआ तो परिणाम पूरी तरह बदल सकता है।
रिपोर्ट में क्या आया?
रिपोर्ट ने यह भी बताया कि जनसुराज पार्टी लगभग 10% वोट हासिल कर सकती है, जिससे एनडीए के पारंपरिक सवर्ण और नॉन-यादव ओबीसी वोट बैंक में सेंध लग सकती है। इससे निवेशकों का भरोसा थोड़ा डगमगा सकता है और बाजार में पहले जैसी गिरावट देखने को मिल सकती है जैसी “कोएलिशन डिस्काउंट” के दौरान होती है।
ब्रोकरेज हाउस का क्या मानना?
ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि इस संभावित गिरावट का असर इन्फ्रा, डिफेंस और PSU शेयरों पर ज्यादा पड़ेगा, क्योंकि ये सेक्टर सरकार की पूंजीगत योजनाओं और नीतियों पर निर्भर रहते हैं। वहीं, कंजम्प्शन, रीज़नल और SME सेक्टर में मजबूती बनी रह सकती है। फिलहाल बाजार में जोश कायम है। एनडीए के पक्ष में आए एग्जिट पोल्स के बाद सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक चढ़ा, जबकि निफ्टी ने 25,900 का स्तर दोबारा हासिल किया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वी. के. विजयकुमार ने कहा, “एग्जिट पोल्स में एनडीए को बढ़त मिलते ही सेंटीमेंट बेहतर हुआ है, लेकिन निर्णायक ब्रेकआउट के लिए अभी समय है।”


