बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की आने वाली फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ को लेकर का 1.12 मिनट का टीजर जारी होने के बाद चीनी मीडिया ने इसकी आलोचना की है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को सरकारी सूत्रों ने कहा कि सिनेमा क्रिएटिव फ्रीडम का एक माध्यम है और भारत इसे प्रतिबंधित नहीं करता है.
ग्लोबल टाइम्स ने की फिल्म की आलोचना
यह फिल्म 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर आधारित है. चीन के मीडिया संस्थान ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इस फिल्म को लेकर दावा किया कि इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. अपूर्व लाखिया के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सलमान ने बी संतोष बाबू की भूमिका निभाई है. साल 2020 में भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए संतोष बाबू और 16 बिहार रेजिमेंट के 19 अन्य सैनिक शहीद हो गए. संतोष बाबू को मरणोपरांत भारत के युद्धकाल के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
सलमान खान के जन्मदिन पर जारी हुआ टीजर
सलमान खान के 60वें जन्मदिन के मौके पर शनिवार (27 दिसंबर 2025) को फिल्म का टीजर जारी किया गया था. टीजर में सलमान और भारतीय सैनिकों के एक समूह को उनकी तरफ दौड़ रहे चीनी सैनिकों से भिड़ने के लिए तैयार होते दिखाया गया है. टीजर में सलमान खान कहते हैं, ‘जवानों याद रहे, जख्म लगे तो मेडल समझना और मौत दिखे तो सलाम करना.’
‘भारत में सिनेमाई अभिव्यक्ति की परंपरा’
इस टीजर को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छह करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है. एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘भारत में सिनेमाई अभिव्यक्ति की परंपरा रही है. 1964 में फिल्म ‘हकीकत’ बनी थी और इसका विषय 1962 का भारत-चीन युद्ध था. रेजांग ला की लड़ाई पर हाल ही में एक फिल्म 120 बहादुर रिलीज हुई थी. सिनेमा कलात्मक अभिव्यक्ति का एक माध्यम है और भारत इसे प्रतिबंधित नहीं करता है.”
कई भारतीय मीडिया संस्थानों ने टीजर और चीनी मीडिया की ओर से की जा रही आलोचना पर रिपोर्ट प्रकाशित की है. ‘द ग्लोबल टाइम्स’ ने फिल्म को दुष्प्रचार करार दिया और एक ‘चीनी विशेषज्ञ’ और कई वीबो (चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) अकाउंट का हवाला देते हुए छोटे से टीजर के विभिन्न पहलुओं में खामियां निकालीं.
घटनाक्रम तथ्यों से मेल नहीं खाते: चीनी मीडिया
समाचार पत्र ने दावा किया, ‘एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि बॉलीवुड फिल्में अब ज्यादा मनोरंजन और भावनाओं पर आधारित होती हैं, लेकिन कोई भी सिनेमाई अतिशयोक्ति इतिहास को नहीं बदल सकतीं और न ही चीन के इलाके की रक्षा करने के लिए चीनी सेना के मजबूत इरादे को कमजोर कर सकती हैं. इस फिल्म को लेकर ऑनलाइन और भी विवाद हुए हैं. लोगों ने दूसरे कलाकारों के पहनावे, अभिनेताओं के हेयरस्टाइल जो उनके सैन्य किरदार या कहानी में दिखाई गई कड़ाके की ठंड से मेल नहीं खाते, जैसी बातों पर सवाल उठाए हैं. सबसे अहम बात यह है कि दिखाए गए घटनाक्रम तथ्यों से मेल नहीं खाते.’
पूर्वी लद्दाख दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई थी झड़प
बैटल ऑफ गलवान के निर्माता सलमान खान और उनकी मां सलमा खान हैं. यह फिल्म 17 अप्रैल 2025 को रिलीज होगी. पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था. उसी साल जून में गलवान घाटी में हुई झड़पों से भारत और चीन के रिश्तों में काफी तनाव आ गया. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़पों में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.
फरवरी 2021 में चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि झड़पों में उसके पांच सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे. हालांकि, आम तौर पर यह माना जाता है कि पांच से कहीं ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई थी.


