Wednesday, November 19, 2025
Homeस्वास्थप्रेग्नेंसी में अचानक क्यों बढ़ जाती है शुगर, भारती सिंह को यही...

प्रेग्नेंसी में अचानक क्यों बढ़ जाती है शुगर, भारती सिंह को यही हुई दिक्कत



मां बनना हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है. हालाकि, इसके साथ कई बार कुछ डर, चिंता और उलझने भी होती हैं. ऐसा ही कुछ हुआ मशहूर कॉमेडियन और होस्ट भारती सिंह के साथ, सबको हंसाने वाली भारती जब दूसरी बार मां बनने की तैयारी कर रही हैं, तभी अचानक उनकी हेल्थ से जुड़ी एक परेशानी सामने आई.

हाल ही में अपने ब्लॉग में भारती सिंह ने बताया कि सुबह खाली पेट उनकी शुगर बहुत ज्यादा थी, जबकि वह ना मीठा खाती हैं और ना ही अपनी डाइट में कोई लापरवाही करती हैं. डॉक्टर ने चेकअप के लिए बुलाया है. अचानक शुगर बढ़ना काफी महिलाओं में देखा जाता है, खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान. प्रेग्नेंसी की शुगर सिर्फ मां नहीं, बल्कि बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक शुगर बढ़ती क्यों है, इसका कारण क्या है, इसे क्या बीमारी कहते हैं और इसका असर क्या होता है. तो आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में शुगर अचानक क्यों बढ़ जाती है. 

प्रेग्नेंसी में शुगर अचानक क्यों बढ़ जाती है?

प्रेग्नेंसी के समय शरीर में कई तरह के हार्मोन बदलते हैं. ये बदलाव कभी-कभी इंसुलिन नाम के हार्मोन पर असर डालते हैं. इंसुलिन का काम खून में मौजूद शुगर को कंट्रोल में रखना है, लेकिन जब यह ठीक से काम नहीं करता या शरीर उसकी जरूरत से कम इंसुलिन बनाता है तो शुगर लेवल बढ़ने लगता है. इसी वजह से कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान अचानक ब्लड शुगर बढ़ जाती है, चाहे वे मीठा न खाएं या डाइट पर कितना भी ध्यान दें. इस कंडीशन को जेस्टेशनल डायबिटीज, GDM कहा जाता है यानी वह डायबिटीज जो सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान होती है. 

GDM क्या है?

प्रेग्नेंसी में शरीर को सामान्य दिनों से ज्यादा इंसुलिन चाहिए होता है. लेकिन अगर शरीर उतना इंसुलिन नहीं बना पाता जितनी जरूरत है, तो खून में शुगर जमा होने लगती है. इसी को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है. ये बीमारी अक्सर प्रेग्नेंसी खत्म होते ही अपने आप ठीक भी हो सकती है, लेकिन जब तक रहती है तब तक थोड़ा ज्यादा ध्यान जरूरी होता है. 

किन महिलाओं में GDM का खतरा ज्यादा होता है?

कुछ महिलाओं में यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है, जैसे जिनका वजन ज्यादा हो या BMI 30 से ऊपर हो, जिन्हें पहली प्रेग्नेंसी में शुगर हो चुका हो, जिनके परिवार में डायबिटीज हो, जिनका पहले भी बच्चा हुआ होया जो पहले से बॉर्डरलाइन डायबिटीज की शिकार रही हों. वहीं भारती सिंह पहले से बॉर्डरलाइन डायबिटीज में थीं, इसलिए उन्हें GDM होने का खतरा ज्यादा था. ऐसे में डाइट फॉलो करने के बाद भी शुगर अनकंट्रोल हो सकती है. 

प्रेग्नेंसी में GDM का पता कैसे चलता है?

डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी के दौरान 12 से 16 हफ्ते, फिर 24 से 28 हफ्ते और 32 से 34 हफ्ते पर शुगर टेस्ट करवाते हैं. जिसमें सबसे जरूरी टेस्ट OGTT (Oral Glucose Tolerance Test) होता है. इसमें आपको मीठा ग्लूकोज वाला घोल पिलाया जाता है और कुछ समय बाद ब्लड सैंपल लेकर देखा जाता है कि शरीर उस मीठे को कितनी जल्दी संभालता है.यही टेस्ट बताता है कि GDM है या नहीं. 

यह भी पढ़ें TB Surveillance System: AI ने ढूंढा टीबी को रोकने का नया तरीका, घटेंगे मौत के आंकड़े! जानें कैसे काम करती है यह तकनीक?

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
 

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments