First National Sports Competition 2025: खेल केवल शारीरिक सौष्ठव का माध्यम नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और चरित्र निर्माण का सशक्त साधन भी है. इसी दृष्टिकोण से भारतीय शिक्षा बोर्ड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, अपने संबद्ध विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए ‘प्रथम राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता’ का आयोजन करने का ऐलान किया है.
हरिद्वार में धूमधाम से होगी प्रतियोगिता की शुरूआत
यह प्रतियोगिता देश के विभिन्न शहरों में फैली हुई है, जो छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर प्रदान करेगी. बोर्ड का उद्देश्य छात्रों में खेल भावना जगाना, टीम वर्क सिखाना और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना है. यह आयोजन नवंबर माह में विभिन्न तिथियों पर संपन्न होगा, जिसमें पारंपरिक से आधुनिक खेलों तक का समावेश होगा.प्रतियोगिता की शुरुआत 9-10 नवंबर को उत्तराखंड के हरिद्वार में धूमधाम से होगी.
पतंजलि गुरुकुलम विद्यालय में कुश्ती, जूडो और मल्लखंब की रंगारंग जंग देखने को मिलेगी. वहीं, पतंजलि आचार्यकुलम विद्यालय में बास्केटबॉल, हैंडबॉल और कबड्डी के मैदान सजेंगे. ये खेल छात्रों की शारीरिक फुर्ती के साथ-साथ रणनीतिक सोच को निखारेंगे. हरिद्वार की पवित्र भूमि पर आयोजित यह इवेंट न केवल खेल उत्सव बनेगा, बल्कि योग परंपरा से प्रेरित स्वास्थ्य जागरूकता का भी प्रतीक होगा.

13-14 नवंबर को आगरा में होगा वॉलीबॉल
इसके बाद 13-14 नवंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में जी.एस.एस. इंटर कॉलेज के खेल मैदान पर वॉलीबॉल प्रतियोगिता का रोमांच चरम पर होगा. ताजनगरी के इस आयोजन में छात्र-छात्राएं नेट के पार शॉट्स से एक-दूसरे को चुनौती देंगे, जो सहयोग और त्वरित निर्णय क्षमता का परीक्षण करेगा. आगरा का चयन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐतिहासिक शहर छात्रों को सांस्कृतिक धरोहर के साथ खेल का संगम प्रदान करेगा.
17-18 नवंबर को लखनऊ के लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल में एथलेटिक्स और बैडमिंटन की धमाल मचाने वाली है. एथलेटिक्स ट्रैक पर दौड़, कूद और फेंक के इवेंट्स छात्रों की सहनशक्ति का इम्तिहान लेंगे, जबकि बैडमिंटन कोर्ट पर रैकेट की बाजीगरी दर्शकों को बांध लेगी. लखनऊ की नवाबी ठसक इस आयोजन को और आकर्षक बनाएगी.
योग और खो-खो का आयोजन करेगा अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल
अंत में, 21-22 नवंबर को राजस्थान के जयपुर में अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल योग और खो-खो का आयोजन करेगा. योग सत्र छात्रों को मानसिक शांति सिखाएंगे, जबकि खो-खो की तेज रफ्तार पारंपरिक भारतीय खेल की जीवंतता को जीवंत करेगी. गुलाबी शहर में यह इवेंट सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बनेगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन छात्रों में अनुशासन, नेतृत्व और तनाव प्रबंधन की क्षमता विकसित करेंगे. बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, “यह केवल खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का बीज है.” सफल आयोजन की अपेक्षा में पूरे देश में उत्साह व्याप्त है. छात्रों के माता-पिता भी इसे छात्र जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव मान रहे हैं. कुल मिलाकर, यह प्रथम राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता शिक्षा और खेल के संयोजन का अनूठा उदाहरण सिद्ध होगी, जो आने वाले वर्षों में परंपरा का रूप लेगी.
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