Tuesday, July 29, 2025
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‘पाकिस्तान हमले की तैयारी में, वेंस ने कहा तो PM मोदी बोले- मुंहतोड़ जवाब देंगे’, जयशंकर ने संसद में बताया 9 मई को क्या-क्या हुआ था?


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विपक्ष के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया. उन्होंने बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फोन कर भारत को पाकिस्तान के संभावित हमले की चेतावनी दी थी, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा-‘भारत मुंहतोड़ जवाब देगा.’

संयुक्त राष्ट्र समेत पूरी दुनिया ने दिया समर्थन
जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ खड़ा रहा. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से केवल पाकिस्तान और तीन अन्य देशों ने इसका विरोध किया, जबकि बाकी सभी ने समर्थन जताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूएनएससी के 25 अप्रैल के बयान में भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई.

पाकिस्तान को दिया गया स्पष्ट संदेश
जयशंकर ने संसद में कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना जरूरी था. हमारी सीमाएं लांघी गईं तो यह बताना जरूरी था कि इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.’ उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे कूटनीतिक कदम उठाए.

कूटनीति और सैन्य जवाब साथ-साथ
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत ने सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक जवाब भी दिया. उन्होंने बताया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ माहौल बनाया और स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा.

परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुका भारत
जयशंकर ने साफ किया कि भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों के आगे कोई झुकाव नहीं दिखाया. उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने किसी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया और पाकिस्तान को सीधा और सख्त जवाब दिया गया.

क्वाड, ब्रिक्स और अमेरिका का समर्थन
जयशंकर ने बताया कि क्वाड और ब्रिक्स जैसे मंचों पर भी भारत को समर्थन मिला. अमेरिका ने 17 जुलाई को ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकी घोषित किया, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी. साथ ही, मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी तेज की गई.

सैटेलाइट चित्रों से मिला ऑपरेशन का प्रमाण
उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई को उपग्रह तस्वीरों से प्रमाणित किया जा सकता है. जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार के तहत सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया.

पाकिस्तान की ओर से आई सीजफायर की पेशकश
जयशंकर ने खुलासा किया कि 10 मई को कई अंतरराष्ट्रीय कॉल्स आएं, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान संघर्ष विराम चाहता है. भारत ने जवाब दिया कि अगर पाकिस्तान को बात करनी है तो डीजीएमओ के माध्यम से औपचारिक अनुरोध करे.

ट्रंप से नहीं हुई कोई सीधी बात
विपक्ष के इस आरोप पर कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दबाव डाला था, जयशंकर ने साफ किया कि 22 अप्रैल से 17 जून के बीच मोदी और ट्रंप के बीच कोई सीधा संवाद नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि केवल 22 अप्रैल और 17 जून को बातचीत हुई, वो भी हमले से इतर संदर्भों में.

अमित शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना
सदन में जारी बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, ‘विपक्ष भारत के विदेश मंत्री के बजाय विदेशियों के बयानों पर ज्यादा भरोसा करता है. यही वजह है कि वो पिछले 20 सालों से विपक्ष में बैठे हैं और आगे भी वहीं बैठेंगे.’

राहुल गांधी पर भी निशाना
जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने डोकलाम मुद्दे पर भारतीय एजेंसियों की बजाय चीनी राजदूत से जानकारी लेना उचित समझा. उन्होंने कहा कि वह चीन गए थे सिर्फ बातचीत के जरिए तनाव कम करने, न कि “गुप्त समझौते” या “ओलंपिक देखने” के लिए.

भारत की सीमाओं पर सेना पूरी तरह तैयार
जयशंकर ने कहा कि आज भारत की चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर सेना पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ’60 साल तक सीमाओं की अनदेखी हुई, जबकि बीते 10 सालों में काफी काम हुआ है और आगे भी किया जाएगा.’

आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते
अंत में उन्होंने दो टूक कहा कि सीमापार आतंकवाद की चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन भारत का रुख साफ है-‘आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते.’





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