Pakistan: भारत और रूस की दोस्ती काफी पुरानी है, लेकिन इस बीच भारत का यही दोस्त उसके सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान के करीब आता जा रहा है. पाकिस्तान और रूस ने मिलकर हाल ही में मॉस्को में पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को फिर से शुरू करने के लिए एक डील साइन की है.
मॉस्को में फाइनल हुई डील
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच यह समझौता मॉस्को में पाकिस्तान के दूतावास में हुई. फिक्र सिर्फ इस बात की है कि कहीं यहीं से दोनों के बीच दोस्ती की शुरुआत तो नहीं हो रही. गौरतलब है कि पाकिस्तान का करीबी चीन भी PSM को फिर से शुरू करने की दौड़ में था, लेकिन अब रूस के साथ बात पक्की हो गई है. यह स्टील मिल सोवियत संघ की ही मदद से बनाई गई थी. इस डील का मकसद PSM में फिर से स्टील का प्रोडक्शन शुरू करना है और धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ाना है.
2008 से शुरू हुआ पतन
पाकिस्तन के प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हारून अख्तर खान, जो अभी रूस के दौरे पर हैं, ने कहा, “रूस के सहयोग से PSM का पुनरुद्धार हमारे साझा इतिहास और एक मजबूत औद्योगिक भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.” पाकिस्तान स्टील मिल्स का निर्माण 1971 में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से किया गया था और यह पाकिस्तान-रूस संबंधों का एक स्थायी प्रतीक बना हुआ है. 2008 में कंपनी आर्थिक परेशानियों से घिरती चली गई. 2008-09 के बीच इसे 16.9 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हुआ, जो अगले पांच सालों में बढ़कर 118.7 बिलियन तक पहुंच गई.
चीन और रूस में मची थी होड़
2008 से 2018 तक सत्ता में रहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सरकारें इसे सही से चलाने में विफल रहीं. बाद में, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने इसे पुनर्जीवित करने की पहल शुरू की, जिससे चीन और रूस के बीच ठेका पाने की होड़ मच गई. शुरुआत में, पीटीआई की सरकार चीन के पक्ष में थी और उसने एक चीनी कंपनी के साथ बातचीत भी शुरू कर दी थी, लेकिन बात बन नहीं पाई.
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