Air India: भारत और पाकिस्तान के बीच तल्ख रिश्ते का ही असर है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के लिए अपन एयरस्पेस बंद कर दिया है. इसके चलते एयरलाइन कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इन्हीं में से एक है एयर इंडिया. एक तो कई लंबे रूट पर सफर का वक्त तीन घंटे तक बढ़ गया है, ईंधन की लागत भी 29 परसेंट तक बढ़ गई है.
एयरस्पेस बंद होने से कंपनी को सालाना 455 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है, जो साल 2024-25 में हुए 439 मिलियन डॉलर के कथित नुकसान से ज्यादा है. कंपनी को हो रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए एयर इंडिया ने अब सरकार से एक डिमांड की है.
क्या है एयर इंडिया की डिमांड?
एयर इंडिया चाहती है कि सरकार चीन के शिनजियांग के होटन, काश्गर और उरुमकी तक एयरलाइन की इमरजेंसी एक्सेस सुनिश्चित करें, जिससे अमेरिका, कनाडा और यूरोप के लिए उड़ान भरने में आसानी होगी. इससे वक्त कम लगेगा और लागत में भी कमी आएगी.रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि एयर इंडिया का लंबी दूरी का नेटवर्क गंभीर परिचालन और वित्तीय दबाव में है. ऐसे में होटन रूट से उड़ान भरने की इजाजत मिलना एक रणनीतिक विकल्प होगा.
क्यों खतरनाक है यह रूट?
एयर इंडिया चीन के शिनजियांग के जिस रूट की बात कर रहा है, वह दुनिया के कुछ सबसे ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित है, जिनकी ऊंचाई 20,000 फीट से भी ज्यादा है. ऐसे में डीकंप्रेसन से बचने के लिए कई इंटरनेशनल एयरलाइन इस रूट को अवॉइड करती हैं. इसका मतलब वायुमंडलीय दबाव में अचानक कमी से है, जिससे यात्रियों को सांस लेने में दिक्कतें आ सकती हैं, केबिन के खिड़की या दरवाजे अचानक से खुल सकते हैं या एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंच सकता है वगैरह.
इसके अलावा, यह चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वेस्टर्न थिएटर कमांड के अधिकार क्षेत्र में भी आता है. एयर इंडिया चाहती है कि भारत सरकार शिनजियांग के संवेदनशील सैन्य हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए चीन को मनाए. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि संभावित सुरक्षा जोखिमों के कारण चीन इसके लिए राजी हो जाए, इसकी संभावना बहुत कम है.
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