Monday, August 4, 2025
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नुवामा वेल्थ के दफ्तरों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापामारी, जेन स्ट्रीट से जुड़ा है मामला


Nuwama Wealth Raid: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को नुवामा वेल्थ एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (जिसे पहले एडलवाइस ब्रोकिंग के नाम से जाना जाता था)  के मुंबई स्थित दफ्तरों पर  छापामारी की. यह कार्रवाई ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट से जुड़ी संभावित वित्तीय अनियमितताओं पर हो रही जांच के सिलसिले में की गई है. बता दें कि नुवामा भारत में जेन स्ट्रीट के ऑन-ग्राउंड ट्रेडिंग पार्टनर के रूप में काम करती थी. 

अभी पिछले ही हफ्ते जेन स्ट्रीट से सेबी के प्रतिबंध हटाने जाने के बाद आयकर विभाग की तरफ से यह छापामारी की गई. 21 जुलाई को, द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रेड में वापसी के लिए जेन स्ट्रीट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देशों का पालन करते हुए  4,843 करोड़ रुपये एक एस्क्रो अकाउंट में जमा कराने के लिए तैयार हो गई, जिसे सेबी ने कथित रूप से अवैध लाभ का प्रतिनिधित्व करने वाला बताया था. 

सेबी ने 3 जुलाई को दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेडिंग फर्मों में से एक जेन स्ट्रीट पर शेयर बाजार में हेरफेर करने और डेरिवेटिव सेगमेंट में गड़बड़ी पैदा करने का आरोप लगाते हुए ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी. सेबी का आरोप था कि कंपनी ने शेयर बाजार में हेरफेर करके गलत तरीके से बहुत बड़ा मुनाफा कमाया है. इस क्रम में रेगुलेटर ने जेन स्ट्रीट और उसकी सहयोगी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक दिया. 

आरोप है कि अमेरिका बेस्ड ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने पहले कीमतें बढ़ाने के लिए सुबह के समय निफ्टी बैंक के शेयरों और फ्यूचर्स को खूब खरीदा और फिर शाम के वक्त ऑप्शन सेगमेंट में गिरती कीमतों से पैसा कमाने के लिए इन शेयरों को बेच दिया. सेबी ने बताया कि जेन स्ट्रीट को जानकारी रहती थी कि निफ्टी बैंक इंडेक्स दिन में किस वक्त गिरेगा इसलिए वह अपना शेयर बेच देते थे, जबकि दूसरे ट्रेडर्स को इसकी भनक तक नहीं लगती थी इसलिए वे गलत वक्त पर कारोबार कर अपना नुकसान कर बैठते थे. 

सेबी ने कारोबार करने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही जेन स्ट्रीट पर 4,843.57 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. कंपनी को यह रकम सेबी के नाम पर एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करानी थी. कंपनी ने पैसे जमा करा दिए, तो सेबी ने भी पिछले हफ्ते अपनी रोक हटा ली. हालांकि, मामला अभी भी कानूनी जांच के दायरे में है. 

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