बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात के सूरत जिले में बिहारी समुदाय के लोगों ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपमान का हवाला देते हुए विपक्षी महागठबंधन पर भी निशाना साधा.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों में आपने बिहार विधानसभा के दृश्य अवश्य देखे होंगे. जिस तरह नीतीश कुमार का अपमान करना एक चलन बन गया था और जिस तरह की भद्दी भाषा का उपयोग किया जा रहा था, जैसी संसद में दूसरे नामदार संसद की मर्यादा का उल्लंघन करते समय दिखती है, वही स्थिति पटना में दिखाई दे रही थी. इस दौरान पीएम मोदी के निशाने पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव थे.
#WATCH | Surat, Gujarat | Prime Minister Narendra Modi says, “You must have seen the scenes in the Bihar Assembly over the past two or three years. The way insulting Nitish Kumar became fashionable, with vulgar language being used. The way the other ‘naamdaar’ in the Parliament… pic.twitter.com/8L3d27k0D2
— ANI (@ANI) November 15, 2025
उन्होंने कहा कि न देश की जनता ऐसी बातों को स्वीकार करती है और न ही बिहार के लोग इसे बर्दाश्त कर सकते हैं. ऐसी कई घटनाएं थीं, जिन्होंने इस चुनाव में उनके प्रति पूरी तरह नफरत का भाव पैदा कर दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में हमें ऐतिहासिक विजय मिली है और सूरत से आगे बढ़ते हुए मुझे लगा कि अगर मैं यहां बिहार के लोगों से न मिला, तो ये सफर अधूरा-सा लगेगा. इसलिए मेरे लिए स्वाभाविक है कि मैं गुजरात में, विशेष रूप से सूरत में रहने वाले अपने बिहारी भाइयों और बहनों का अभिवादन करूं और इस विजयोत्सव का हिस्सा बनूं.
हमने गुजरात में पूरे सम्मान के साथ बिहार की शताब्दी मनाई: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब बिहार ने 100 वर्ष पूरे किए, तो बिहार में भी इसका उत्सव होना स्वाभाविक था, लेकिन बिहार के बाहर भी, हमने गुजरात में भी पूरे सम्मान और गौरव के साथ बिहार की शताब्दी मनाई. इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई और महागठबंधन की हार, दोनों के वोटों में सिर्फ 10 प्रतिशत का अंतर था. इससे पता चलता है कि आम मतदाताओं का ध्यान सिर्फ एक मुद्दे पर केंद्रित था और वो है विकास.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में विकास की चाहत हर जगह दिखाई दे रही थी. आज बिहार में विकास की भूख हर जगह दिखाई दे रही है. मुझे याद है कि कैसे कोविड के दौरान देश भर के लोग अपने घरों को लौट रहे थे. उस समय मुझे बिहार के लोगों से बातचीत करने का मौका मिला था और उनमें से कई लोगों ने उस मुश्किल दौर का इस्तेमाल अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में किया. यही बिहार के लोगों की असली ताकत है. आप दुनिया में कहीं भी जाएं, आपको बिहार की प्रतिभा हमेशा चमकती हुई दिखाई देगी.’
हमारा मात्र एक ही मंत्र- नेशन फर्स्ट- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘आप (सूरत के लोग) भी जानते हैं और बिहार के लोग भी जानते हैं कि हम वो पार्टी हैं जब आपने हमें गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में भी काम दिया था तब भी हमारा एक मंत्र था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास. हमारी मूलभूत सोच रही है- नेशन फर्स्ट. यही मंत्र हमारे लिए हिंदुस्तान का हर कोना, हिंदुस्तान का हर राज्य, हर भाषा-भाषी नागरिक. ये हमारे लिए पूजनीय है, वंदनीय है. इसलिए बिहार का भी गौरव करना, बिहार के सामर्थ्य को स्वीकार करना, ये हमारे लिए बहुत सहज बात है.’
उन्होंने कहा, ‘सूरत में रहने वाले मेरे भाई-बहन इस चुनाव पर कड़ी नजर रखे हुए थे. बिहार के लोगों को राजनीति सिखाने की जरूरत नहीं है. उनके पास दुनिया को राजनीति सिखाने की ताकत है.
तेजस्वी-राहुल पर पीएम मोदी का तंज
पीएम मोदी ने विपक्षी महागठबंधन के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘पिछले दो सालों से ये जमानत पर छूटे नेता बिहार में घूम-घूमकर जातिवादी राजनीति का राग अलापते रहे. उन्होंने जाति-भेद का जहर घोलने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इस चुनाव में बिहार की जनता ने उस जहर को पूरी तरह से नकार दिया.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार के सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों के लोगों ने एनडीए को अभूतपूर्व समर्थन दिया. दलितों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में 38, 34 एनडीए विजयी रहा. यह दलित समुदाय की ओर से उन्हें बांटने की कोशिश करने वालों को एक बड़ा झटका है. देश की जनता ने MMC (मुस्लिम लीग माओवादी कांग्रेस) को नकार दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनकी पार्टी क्यों हारी. इसलिए उन्होंने एक आसान बहाना चुन लिया है कि कभी ईवीएम को दोष देते हैं, कभी चुनाव आयोग को, कभी एसआईआर को. बहानेबाजी का यह खेल कुछ दिन तो चल सकता है, लेकिन लंबे समय में उनके कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं जानता हूं कि वे स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत या विकसित भारत जैसे शब्द भी नहीं बोल सकते, क्योंकि उनकी प्राथमिकताएं राष्ट्र नहीं हैं, देश की जनता नहीं हैं. मैं अपने युवा मित्रों से कहना चाहता हूं कि युवा उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे जिनकी सोच युवाओं के उत्थान के लिए नहीं है. इसलिए, मित्रों, बिहार चुनाव के नतीजे भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हैं.’
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