Wednesday, July 16, 2025
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धीरज कुमार ही नहीं, इतने सेलेब्स की सांसें छीन चुका निमोनिया, जानें यह कितनी खतरनाक बीमारी?


ओम नम: शिवाय सीरियल के डायरेक्टर धीरज कुमार ने मंगलवार (15 जुलाई) को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वह 80 साल के थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह निमोनिया से जूझ रहे थे. क्या आप जानते हैं कि धीरज कुमार ही नहीं, बल्कि कई सेलेब्स निमोनिया की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. जानते हैं कि बेहद आम समझी जाने वाली यह बीमारी कितनी खतरनाक है? 

क्या होता है निमोनिया?

बता दें कि फेफड़ों में होने वाले गंभीर इंफेक्शन को निमोनिया कहते हैं, जिससे हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत होती है. भारत में यह बीमारी बच्चों और बुजुर्गों के लिए बड़ा खतरा मानी जाती है. धीरज कुमार जैसे कई सेलिब्रिटी इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं.

ये सेलेब्स निमोनिया से गंवा चुके जान

धीरज कुमार से पहले भी बॉलीवुड के कई सेलेब्स निमोनिया के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें मशहूर फिल्ममेकर यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा, बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार, प्राण और समीर खाखर के नाम भी शामिल हैं.  

कितना खतरनाक होता है निमोनिया?

निमोनिया एक फेफड़ों का इंफेक्शन होता है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है. इस बीमारी में फेफड़ों की वायु कोशिकाएं (Alveoli) सूज जाती हैं और उनमें फ्लूड या मवाद भर जाता है. इससे ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है और मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. यह बीमारी बच्चों, बुजुर्गों, डायबिटीज, अस्थमा या अन्य क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित लोगों में ज्यादा देखी जाती है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों के लिए निमोनिया जानलेवा हो सकता है.

कैसे होते हैं निमोनिया के लक्षण?

निमोनिया के लक्षण शुरुआत में सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं, लेकिन यह तेजी से गंभीर रूप ले सकता है. 

  • तेज बुखार और कंपकंपी
  • खांसी, जो बलगम के साथ हो सकती है
  • सांस लेने में कठिनाई या तेजी से सांस आना
  • सीने में दर्द, खासकर खांसने या सांस लेने पर
  • भूख में कमी
  • ज्यादा थकान और कमजोरी
  • बुजुर्गों में भ्रम या अचानक व्यवहार में बदलाव

दुनिया में निमोनिया का हाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निमोनिया पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का प्रमुख कारण है. अकेले भारत में हर साल 1.27 लाख से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया के कारण होती है. बुजुर्गों में यह बीमारी अक्सर अन्य बीमारियों के साथ मिलकर जानलेवा बन जाती है.

ये भी पढ़ें: सेहत के लिए कितना खतरनाक है डिब्बा बंद खाना, क्यों है खतरे की घंटी?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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