Friday, November 14, 2025
Homeव्यापारथोक महंगाई में आई बड़ी गिरावट! दाल सब्जी से लेकर ईंधन तक...

थोक महंगाई में आई बड़ी गिरावट! दाल सब्जी से लेकर ईंधन तक हुई सस्ती, जानें क्यों मिली राहत



Wholesale Inflation India: दालों और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गयी और यह 27 महीने के निचले स्तर शून्य से नीचे 1.21 प्रतिशत रही.

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति  सितंबर में 0.13 प्रतिशत और अक्टूबर 2024 में 2.75 प्रतिशत रही थी. उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ अक्टूबर 2025 में मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, बिजली, खनिज तेलों और मूल धातुओं के विनिर्माण आदि की कीमतों में नरमी रही.’’ 

जानें क्या कहते है आंकड़े?

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 5.22 प्रतिशत के मुकाबले अक्टूबर में 8.31 घटी. प्याज, आलू, सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट देखी गई. सब्जियों की महंगाई दर में अक्टूबर में 34.97 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि सितंबर में यह 24.41 प्रतिशत थी. दालों में अक्टूबर में 16.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि आलू और प्याज में यह क्रमशः 39.88 प्रतिशत और 65.43 प्रतिशत रही. 

विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर के 2.33 प्रतिशत से घटकर 1.54 प्रतिशत हो गई. ईंधन और बिजली की कीमतें अक्टूबर में 2.55 प्रतिशत कम हुईं, जबकि पिछले महीने इनमें 2.58 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा,‘‘ वित्त वर्ष 2025-26 के बाकी समय में अनुकूल तुलनात्मक आधार से थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का दौर जारी रहने की उम्मीद है. 
 
जीएसटी रिफॉर्म से हुआ फायदा

ऐसे में इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि, नवंबर 2025 में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट एक प्रतिशत से कम रहेगी.’’ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में 22 सितंबर से प्रभावी कटौती के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में अपेक्षा के अनुरूप गिरावट आई है. कर दरों को युक्तिसंगत बनाने के तहत दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई जिसके तहत चार-स्तरीय कर ढांचे को घटाकर पांच और 18 प्रतिशत की दो श्रेणी में लाया गया. 

कर कटौती से वस्तुओं की कीमतें कम हुईं तथा पिछले वर्ष की अनुकूल मुद्रास्फीति आधार के कारण थोक और खुदरा मुद्रास्फीति दोनों में कमी आई. अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 0.25 प्रतिशत के सर्वकालिक निम्न स्तर पर रही जो जीएसटी दरों में कटौती और पिछले साल के उच्च आधार के कारण कम हुई. सितंबर में खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1.44 प्रतिशत थी.

यह भी पढ़ें: MRF के तिमाही नतीजे शानदार, मुनाफा में 11.7 फीसदी का उछाल, शेयरधारकों को मिलेगा डिविडेंड सरप्राइज

 



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments