Wednesday, December 31, 2025
Homeव्यापारढूंढ़ लेगी अपना रास्ता... रुपये में आई गिरावट के बीच आया वित्त...

ढूंढ़ लेगी अपना रास्ता… रुपये में आई गिरावट के बीच आया वित्त मंत्री का बयान, जानें क्या कहा उन्होंने?



Rupee vs Dollar: भारतीय करेंसी रुपया इन दिनों अपने सबसे निचले स्तर पर है. बुधवार को रुपये ने 90 के स्तर को तोड़ते हुए ऑल-टाइम लो लेवल पर पहुंच गया. डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह बाजार में रुपये के मुकाबले डॉलर की अधिक मांग है.

इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, भू-राजनीतिक अनिश्चितता, ट्रेड डील पर रूकी हुई बातचीत को भी रुपये में आई गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. रुपये में आई इस गिरावट को लेकर अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है.उनका मानना ​​है कि भारत के मजबूत ग्रोथ आउटलुक के बीच भारतीय करेंसी अपना रास्ता खोज लेगी.  

रुपये को अपना रास्ता खुद ढूंढ़ना होगा

हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (HTLS) के 23वें एडिशन में वित्त मंत्री ने कहा, “रुपये को अपना रास्ता खुद ढूंढ़ना होगा.” वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि करेंसी लेवल पर बहस में मौजूदा आर्थिक हकीकत को शामिल किया जाना चाहिए, न कि उनकी तुलना पिछली स्थितियों से की जानी चाहिए.

वित्त मंत्री ने कहा, “इकॉनमी के फंडामेंटल्स को देखें, ग्रोथ को देखें. करेंसी पर बहस को मौजूदा हकीकत के हिसाब से तय किया जाना चाहिए, न कि पिछली स्थितियों से सीधे-सीधे तुलना की जानी चाहिए.”

इकोनॉमी की मजबूती का करें आकलन: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने आगे कहा, “जहां तक ​​रुपये-डॉलर एक्सचेंज रेट की बात है, जब करेंसी की वैल्यू कम होती है, तो स्वाभाविक तर्क यह होता है कि एक्सपोर्टर्स को इसका फायदा उठाना चाहिए. इत्तेफाक से, कुछ लोग कहते हैं कि US टैरिफ के समय, इससे कुछ राहत मिली है. भले ही यह सच हो, मैं उस एक्सप्लेनेशन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं – लेकिन यह सच है कि इसके साथ-साथ इकॉनमी की मजबूती का भी आकलन किया जाना चाहिए.”

बता दें कि 4 दिसंबर को भारतीय रुपया US डॉलर के मुकाबले 90.46 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया, जिसका मुख्य कारण भारत-US ट्रेड डील में देरी और भारतीय शेयर बाजार से लगातार विदेशी पूंजी का निकलना है. खास बात यह है कि जब रिटेल महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और GDP ग्रोथ 8 परसेंट से ऊपर है, तब डॉलर के मुकाबले घरेलू करेंसी का कमजोर होना अचरज की बात है. 

कितनी रहेगी इकोनॉमी की ग्रोथ?

दूसरी तिमाही में  GDP ग्रोथ छह तिमाहियों के सबसे ऊंचे लेवल 8.2 परसेंट पर पहुंच गई. दूसरी ओर, भारत की रिटेल महंगाई अक्टूबर में 0.25 परसेंट के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई. वित्त मंत्री का मानना ​​है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बनी रहेगी और कुल मिलाकर इस साल (FY26) की ग्रोथ 7 परसेंट या उससे भी ज़्यादा हो सकती है.

 

ये भी पढ़ें:

तैयार हो जाएं! 2026 के अंत तक आ सकता है SpaceX का IPO, वैल्युएशन बढ़ाने की तैयारी में जुटी कंपनी 



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments