चालू वित्त वर्ष में 10 जुलाई तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1.34 प्रतिशत घटकर लगभग 5.63 लाख करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से ज्यादा रिफंड के कारण टैक्स कलेक्शन में गिरावट आई है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी मिली। नेट कंपनी टैक्स कलेक्शन 3.67 प्रतिशत गिरकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 2.07 लाख करोड़ रुपये था। नॉन-कंपनी टैक्स (जिसमें पर्सनल, एचयूएफ और फर्म शामिल हैं) 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा। 1 अप्रैल से 10 जुलाई के बीच सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स कलेक्शन 17,874 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान देश का कुल नेट कलेक्शन 5.63 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 5.70 लाख करोड़ रुपये से 1.34 प्रतिशत कम है।
नेट रिफंड में 38 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी
चालू वित्त वर्ष (2025-26) में अब तक जारी किया गया नेट रिफंड 38 प्रतिशत बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा। 1 अप्रैल से 10 जुलाई तक ग्रॉस कलेक्शन (रिफंड से पहले) 6.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 6.44 लाख करोड़ रुपये से 3.17 प्रतिशत ज्यादा है। ग्रॉस कंपनी टैक्स कलेक्शन 10 जून तक 9.42 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.90 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि ग्रॉस नॉन-कंपनी टैक्स कलेक्शन 1.28 प्रतिशत घटकर 3.57 लाख करोड़ रुपये रहा।
सरकार के खाते में आया डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य का 22.34 प्रतिशत हिस्सा
शारदुल अमरचंद मंगलडास एंड कंपनी की पार्टनर गौरी पुरी ने कहा कि नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी मुख्य रूप से टैक्स रिफंड में दर्ज की गई भारी बढ़ोतरी है। पुरी ने कहा, “ये टैक्सपेयर्स को सर्विस में सुधार पर सरकार के ध्यान को दर्शाता है। समय पर और कुशल रिटर्न कारोबारी सुगमता को बढ़ाता है।” चालू वित्त वर्ष में, सरकार ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत ज्यादा है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) से 78,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। सरकार ने 10 जुलाई तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य का 22.34 प्रतिशत तक जुटा लिया है।