Direct Tax Collection: वित्त वर्ष 2025-26 में अभी तक देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई है। सरकार ने मंगलवार को टैक्स कलेक्शन से जुड़े अहम आंकड़े जारी किए हैं। नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अभी तक 3.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा है। टैक्स कलेक्शन में आई इस गिरावट की मुख्य वजह टैक्स रिफंड में बढ़ोतरी होना है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी मिली। बताते चलें कि डायरेक्ट टैक्स में कंपनियों, व्यक्तियों, पेशेवरों और अन्य संस्थाओं की इनकम पर टैक्स शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में हुआ था 6.91 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन
इस दौरान, नेट कंपनी टैक्स कलेक्शन लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि नॉन-कंपनी टैक्स (जिसमें व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनी शामिल हैं) कलेक्शन 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से लेकर 11 अगस्त के बीच सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) कलेक्शन 22,362 करोड़ रुपये रहा। शुद्ध रूप से कलेक्शन 3.95 प्रतिशत घटकर लगभग 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। ये पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में 6.91 लाख करोड़ रुपये था।
टैक्स रिफंड में दर्ज की गई 10 प्रतिशत की भारी-भरकम बढ़ोतरी
चालू वित्त वर्ष में अभी तक जारी किया गया टैक्स रिफंड 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से लेकर 11 अगस्त के बीच ग्रॉस कलेक्शन (रिफंड से पहले) 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपये था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत ज्यादा है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स से 78,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करना है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ