
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स और गेम्बलिंग वेबसाइट्स को लेकर केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दे दी है, जिसे जल्द संसद में टेबल किया जा सकता है। इस बिल का मकसद बेटिंग और गेम्बलिंग ऐप्स को रेगुलेट करना है। इससे जुड़े विज्ञापन को टीवी और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित करने पर रोक लगाई जाएगी, ताकि ये युवाओं को अपनी ओर आकर्षित न कर सके। इसके अलावा इस बिल में बेटिंग ऐप्स के प्रचार-प्रसार पर भारी जुर्माना के साथ-साथ जेल का भी प्रावधान रखा गया है।
बेटिंग ऐप्स के खिलाफ अभियान
हालांकि, सरकार पिछले कुछ सालों से बेटिंग और गेम्बलिंग ऐप्स को लेकर सख्त है। पिछले कुछ सालों में 1400 से ज्यादा बेटिंग ऐप्स और इससे जुड़ी वेबसाइट को बैन किया है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग पर GST को भी पहले 28% और इसके बाद 30% कर दिया।
सरकार ने 2023 में ऑनलाइन गेमिंग पर 28% का जीएसटी लगाया था, जिसे 2024-25 वित्त वर्ष में बढ़ाकर 30% कर दिया था। यही नहीं, ऑफसोर गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को भी टैक्स के दायरे में ला दिया। साथ ही, एजेंसी को यह भी पावर दिया कि वो इन ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित कर सके।
लगेगा भारी जुर्माना
पिछले साल सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग और गेम्बलिंग ऐप्स को भारतीय न्याय संहिता के अंतर क्रिमिनल प्रोविजन्स भी जोड़ा है। इससे जुड़े मामलों में भारी जुर्माने के साथ-साथ 7 साल तक जेल का भी प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा ऑथोरिटीज चाहे तो बेटिंग और गेम्बलिंग ऐप्स और वेबसाइट्स को बैन भी कर सकती हैं। ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े बिल को सविंधान के राज्य लिस्ट में रखा गया है।
1400 से ज्यादा ऐप्स ब्लॉक
बता दें 2022 से लेकर फरवरी 2025 तक सरकार ने 1400 से ज्यादा बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का काम किया है। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में शिक्षकों और पैरेंट्स के लिए एडवाइजरी भी जारी की है ताकि बच्चों में बढ़ रहे इस लत को रोकने का काम किया जा सके। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को भी यह निर्देश दिया है कि बेटिंग और गेमिंग ऐप्स से जुड़े विज्ञापनों को चलाने के लिए डिसक्लेमर लगाना अनिवार्य है ताकि इससे जुड़े वित्तीय जोखिम के बारे में दर्शकों को पता चल सके।
आईपीएल या अन्य क्रिकेट इवेंट्स के दौरान इस तरह के ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के विज्ञापनों की बाढ़ आ जाती है। सोशल मीडिया, इंटरनेट से लेकर टीवी चैनलों पर Dream 11, My11Circle, DafaBet जैसे ऑनलाइन बेटिंग्स और गेम्बलिंग ऐप्स के विज्ञापन दिखते हैं। नया कानून बनने के बाद इस तरह के बेटिंग ऐप्स और ऑनलाइन गेम्स आदि को सरकार रेगुलेट कर सकेगी, ताकि इसके दुष्प्रभाव से युवाओं को बचाया जा सके।
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