Tuesday, November 11, 2025
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चालू वित्त वर्ष में कलेक्शन में 7% की उछाल, नेट डायरेक्ट टैक्स बढ़कर हुआ 12.92 लाख करोड़



Direct Tax Collections: देश की कर वसूली से जुड़ी एक बड़ी सकारात्मक खबर सामने आई है. चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) संग्रह में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल वसूली बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. सरकार की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से 10 नवंबर 2025 के बीच रिफंड जारी करने की दर सालाना आधार पर 18 प्रतिशत घटकर 2.42 लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक रही.

कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी

इस अवधि के दौरान नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन लगभग 5.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.08 लाख करोड़ रुपये था. यह कॉर्पोरेट क्षेत्र में स्थिरता और मुनाफे में सुधार का संकेत देता है.

वहीं, व्यक्तिगत करदाताओं और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) से मिला कर संग्रह बढ़कर 7.19 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 6.62 लाख करोड़ रुपये था. यह वृद्धि दर्शाती है कि व्यक्तिगत आय स्तर में मजबूती आई है और टैक्स अनुपालन में सुधार हुआ है.

सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) का हाल

समीक्षाधीन अवधि में प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) से सरकार को 35,682 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई. हालांकि यह पिछले वर्ष के 35,923 करोड़ रुपये की तुलना में मामूली कमी दर्शाता है. फिर भी सरकार ने वित्त वर्ष 2025–26 में STT से 78,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है.

सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (Gross Direct Tax Collection), जिसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट टैक्स दोनों शामिल हैं, चालू वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक सालाना आधार पर 7% बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी अवधि में यह 12.08 लाख करोड़ रुपये था. रिफंड समायोजन से पहले, कुल सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.15 प्रतिशत ज्यादा है.

सरकार का लक्ष्य और विशेषज्ञों की राय

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025–26) के लिए कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है. डेलॉयट इंडिया के पार्टनर रोहिंटन सिधवा ने कहा कि ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि ब्याज दरों में कमी के बावजूद गैर-कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में मजबूत वृद्धि हुई है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था में आय स्तर और टैक्स अनुपालन में सुधार का संकेत है.

भारत की टैक्स वसूली प्रणाली लगातार मजबूत हो रही है. कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत टैक्स दोनों में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था में आय वृद्धि, औपचारिकता और निवेश का स्तर बेहतर हो रहा है, जिससे सरकार के राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में गति बनी हुई है.

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