बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (21 नवंबर 2025) को अपने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा किया, जिसके तहत उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह विभाग का कार्यभार सौंपा गया है. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते हुए यह पहला अवसर है जब उनके पास गृह विभाग नहीं होगा. इससे पहले उनके सभी कार्यकाल में यह विभाग उनके पास ही रहा है. बिहार में विभागों के बंटवारे की पूरी लिस्ट देखें तो गृह मंत्रालय भले ही बीजेपी को खाते में चला गया हो, लेकिन जेडीयू के पास कई महत्वपूर्ण विभाग मौजूद हैं.
जेडीयू के पास रहेंगे ये बड़े विभाग
जेडीयू के बिजेंद्र यादव बिहार कैबिनेट में सबसे उम्रदराज मंत्री हैं, उन्हें वित्त, वाणिज्यकर, उर्जा, योजना विकास की जिम्मेदारी दी गई. विजय चौधरी को जल संसाधन, भवन निर्माण और संसदीय कार्य विभाग सौंपा गया है. इसके अलावा अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य विभाग, सुनील कुमार को शिक्षा विभाग की जम्मेदारी सौंपी गई है. ये सभी ऐसे विभाग हैं, जिसे राज्य के विकास के दृष्टिकोण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
नई कैबिनेट में सबसे ज्यादा बीजेपी के मंत्री
नीतीश कुमार के नेतृत्व में 8वीं बार एनडीए की सरकार बनी है. मौजूदा कैबिनेट में बिहार के 14, जेडीयू के 9, एलजेपी (आर) के 2, HAM और आरएलडी के एक-एक नेता को मंत्री बनाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन के साथ-साथ ऐसे सभी विभाग की जिम्मेदारी है, जो किसी को आवंटित नहीं हुआ है.
बीजेपी के खाते में गया गृह विभाग
बिहार विधानसभा चुनाव में 89 सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी का पावर नीतीश मंत्रिमंडल में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. बिहार के कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी अब सम्राट चौधरी पर होगी. बीजेपी लंबे समय यह विभाग चाह रही थी. दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के पास राजस्व एवं भूमि सुधार और खान एवं भू-तत्व जैसे अहम विभाग आए हैं.
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