भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल, अटल सेतु (पूर्व में मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक या एमटीएचएल) पर इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल से छूट दी गई है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, राज्य के शहरी विकास विभाग ने बीते गुरुवार को एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह छूट इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों और इलेक्ट्रिक बसों पर लागू होगी, जिनमें राज्य परिवहन उपक्रमों और निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित बसें भी शामिल हैं।
पूर्व अधिसूचना में आंशिक संशोधन किया गया
महाराष्ट्र मोटर वाहन कर अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के तहत लिया गया यह फैसला इस वर्ष 31 जनवरी की पूर्व अधिसूचना में आंशिक संशोधन है, जिसमें 21.8 किलोमीटर लंबे समुद्री लिंक और उसकी पहुंच सड़कों का उपयोग करने वाले सभी कैटेगरी के वाहनों पर टोल लगाया गया था।
इस फैसले का उद्देश्य जल्द ही मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और समृद्धि एक्सप्रेसवे पर भी टोल छूट का विस्तार करना है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर टोल छूट, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, हानिकारक प्रदूषकों से निपटने और स्वच्छ परिवहन समाधानों को बढ़ावा देने के महाराष्ट्र के इरादे को दर्शाती है।
किन वाहनों को नहीं लगेगा टोल
महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति (ईवी पॉलिसी) के तहत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कई फायदे दिए गए हैं, जिनमें प्रमुख राजमार्गों पर टोल छूट भी शामिल है। टोल राहत के लिए पात्र वाहनों में निजी इलेक्ट्रिक कारें, यात्री चारपहिया वाहन, राज्य परिवहन की बसें, और शहरी सार्वजनिक परिवहन के इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। हालांकि, इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहनों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
22,400 रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक गाड़ियां
इस फैसले से ईवी अपनाने को बढ़ावा मिलेगा और परिवहन में ईंधन पर निर्भरता कम होगी। मौजूदा समय में, मुंबई में इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा बढ़ रहा है, जिसमें 18,400 हल्के चार पहिया वाहन, 2,500 हल्के यात्री वाहन, 1,200 भारी यात्री वाहन और 300 मध्यम यात्री वाहन शामिल हैं। कुल मिलाकर 22,400 रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं। अटल सेतु पर प्रतिदिन 60,000 वाहन गुजरते हैं, जिनमें से 34,000-40,000 वाहन विशेष रूप से अटल सेतु का उपयोग करते हैं, 22,000 समृद्धि एक्सप्रेसवे पर और हजारों वाहन मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर चलते हैं।