Rupee vs Dollar: भारतीय रुपये में पिछले दो हफ्तों के दौरान सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आयातकों की ओर से महीने के अंत में डॉलर की बढ़ती मांग और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में तेजी के चलते मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 21 पैसे कमजोर होकर 88.18 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.
रुपये में गिरावट की वजह
यह 14 अक्टूबर के बाद रुपये में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है. हालांकि, बाजार के जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक (RBI) के संभावित हस्तक्षेप से आने वाले दिनों में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है. कारोबारियों का कहना है कि आरबीआई की तरफ से डॉलर बिकवाली की काफी हद तक रुपये को मदद मिली और एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Foreign Exchange Market) में रुपया 88.34 प्रति डॉलर पर खुला और बाद में 88.40 के स्तर तक फिसल गया. यह पिछले बंद भाव से 21 पैसे की कमजोरी को दर्शाता है. सोमवार को भी रुपया 36 पैसे टूटकर 88.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, अमेरिकी डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले 0.12% गिरकर 98.66 पर आ गया.
शेयर बाजार पर भी असर
घरेलू शेयर बाजारों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 125.93 अंकों की बढ़त के साथ 84,904.77 अंक पर पहुंचा था, लेकिन दोपहर के कारोबार में इसमें करीब 400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, एनएसई निफ्टी 50 भी शुरुआती बढ़त के बाद 25,900 के नीचे फिसल गया.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड में 0.02% की मामूली बढ़त रही और यह 65.63 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. वहीं, शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) सोमवार को बिकवाली के मूड में रहे और उन्होंने कुल 55.58 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की.


