Monday, December 29, 2025
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क्यों न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री को रास नहीं आ रही भारत के साथ फ्री ट्रेड डील? किस बात की दी चेतावनी?


India-New Zealand FTA: भारत और न्यूजीलैंड के बीच फ्री-ट्रेड डील (India-New-Zealand FTA) पक्की हो गई है. इससे जाहिर तौर पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स (Winston Peters) को यह डील रास नहीं आ रही है. उन्होंने इसे ‘बकवास’ बताया है. भारत-न्यूजीलैंड के बीच FTA की आलोचना करते हुए पीटर्स ने कहा कि ‘ये न तो फ्री है और न ही फेयर.’ इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी कि यह डील जब भी संसद में जाएगी, तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी.

किस बात का है विदेश मंत्री को अफसोस? 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए पीटर्स ने कहा, “न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी आज घोषित भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का अफसोस के साथ विरोध करती है. हम मानते हैं कि भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट न तो फ्री है और न ही फेयर.” उन्होंने कहा कि यह डील न्यूजीलैंड के लिए खराब है, क्योंकि इसमें ‘बहुत कुछ गंवाना पड़ रहा है’, खासकर इमिग्रेशन के मामले में. उन्होंने कहा कि इस डील से न्यूजीलैंड के नागरिकों को, डेयरी समेत, बदले में कुछ खास नहीं मिल रहा है. 

बता दें कि दोनों देशों के बीच हुई इस डील में भारत ने किसानों के हित को आगे रखते हुए डेयरी प्रोडक्ट्स (दूध, घी, मक्खन, चीज, क्रीम) को FTA के दायरे से बाहर रखा है. यानी कि इस पर टैरिफ कम नहीं जाएगा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी यह कह चुके हैं कि भारत अपने डेयरी सेक्टर को ओपन ट्रेड के लिए कभी नहीं खोलेगा क्योंकि इससे करीब 70 मिलियन छोटे किसानों की आजीविका चलती है.

डेयरी सेक्टर से नहीं कोई समझौता

न्यूजीलैंड दुनिया के सबसे बड़े डेयरी प्रोडक्ट्स एक्सपोटर्स में से एक है. न्यूजीलैंड लंबे समय से भारत के डेयरी प्रोडक्ट्स मार्केट में ज्यादा से ज्यादा अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. भारत में लाखों की तादात में छोटे डेयरी किसान हैं. ऐसे में इस सेक्टर की सुरक्षा और इन किसानों की रोजी-रोटी पर कोई आंच नहीं आए इसके लिए इस सेक्टर को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

इसी बात का ख्याल रखते हुए दोनों देशों के बीच डेयरी प्रोडक्ट्स का कारोबार सीमित है. FY2025 में न्यूजीलैंड से भारत के लिए डेयरी एक्सपोर्ट सिर्फ 1.07 मिलियन डॉलर का रहा. इसमें 0.40 मिलियन डॉलर का दूध और क्रीम, 0.32 मिलियन डॉलर का नैचुरल शहद, 0.18 मिलियन डॉलर का मोजेरेला चीज, 0.09 मिलियन डॉलर का मक्खन और 0.08 मिलियन डॉलर का स्किम्ड मिल्क शामिल रहा. इसी मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच भी ट्रेड डील अटकी हुई है. अमेरिका चाहता है कि भारत उनके लिए अपना डेयरी प्रोडक्ट्स मार्केट खोल दे, लेकिन भारत इसके खिलाफ है. 

आम आदमी को फायदा

भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुई इस फ्री-ट्रेड डील का असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. इससे न्यूजीलैंड से आने वाली कई सारी चीजें सस्ती हो जाएंगी, जिनमें सेब और कीवी जैसे कई ताजे फल, ऊन और उससे बनी चीजें, फर्नीचर, लकड़ी सस्ते हो जाएंगे. समझौते के तहत, न्यूजीलैंड से भारत आने वाले 95 परसेंट सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.ऐसे में यह न्यूजीलैंड के कारोबारियों के लिए भारतीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने का एक शानदार मौका है. साथ ही अपने देश के मिडिल क्लास परिवारों के लिए भी विदेशी प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे, तो उन्हें भी राहत मिलेगी.  

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