Thursday, November 27, 2025
Homeव्यापारक्या AI एक बुलबुला है जो किसी भी वक्त फट सकता है,...

क्या AI एक बुलबुला है जो किसी भी वक्त फट सकता है, क्यों इससे किया जा रहा सावधान?



AI Bubble Fears: तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी की दुनिया में एआई के आने से बड़ा उतार–चढ़ाव देखने को मिल रहा है. एक ओर कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी की, तो दूसरी ओर एआई में भारी निवेश किए जा रहे हैं. इससे साफ है कि आने वाले समय में काम करने के तरीके बदलने वाले हैं. लेकिन एआई को लेकर चेतावनियां भी लगातार सामने आ रही हैं—इसे एक ऐसा ‘बुलबुला’ कहा जा रहा है, जो किसी भी समय फट सकता है. तकनीक जगत के कई विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि एआई में बबल बनने की संभावना है.

क्यों एआई को बताया जा रहा ‘बुलबुला’?

हाल ही में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने उपयोगकर्ताओं को एआई के इस्तेमाल को लेकर सावधान किया. उन्होंने कहा कि एआई पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. साथ ही, उन्होंने एआई में निवेश करने वाली कंपनियों को भी सतर्क रहने की सलाह देते हुए इसे एक ऐसा बबल बताया, जो अगर फटा, तो किसी को भी बचने का मौका नहीं मिलेगा.

ओपनएआई के संस्थापक सैम ऑल्टमैन और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भी इसी तरह की चेतावनियां दी हैं. एआई की तुलना 2000 के डॉट कॉम बबल से की जा रही है—जब इंटरनेट के उभार को लेकर बहुत उत्साह था, निवेश तेज़ी से बढ़ रहे थे, लेकिन अचानक बबल फट गया और निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. आज एआई को लेकर वही अति-उत्साह दिखाई दे रहा है, इसलिए बबल की चर्चा तेज़ है.

क्या एआई बबल के दावे में दम है?

एआई की वजह से स्टॉक मार्केट में टेक कंपनियों के शेयरों में तेज़ उछाल आया है. बाज़ार विशेषज्ञों की आशंका है कि अगर यह बबल फटता है, तो वैश्विक शेयर बाजारों पर इसका सीधा और गहरा असर पड़ सकता है. एक बड़ा सवाल यह है कि एआई के प्रमुख रूप से उभरने को तीन साल हो चुके हैं, फिर यह बहस अब क्यों? दरअसल, यह चर्चा कई कंपनियों की ताजा रिपोर्टों के बाद बढ़ी है.

अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड बड़ी सात कंपनियां—Apple, Microsoft, Google, Meta, Tesla आदि—कुल मार्केट कैप का लगभग 34% हिस्सा अकेले रखती हैं. पिछले साल जिन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी आई, उनमें से आधे से अधिक इन्हीं कंपनियों के थे. इसलिए इन कंपनियों में गिरावट का सीधा असर पूरे शेयर बाजार पर पड़ेगा.

एआई सीखना और इस्तेमाल करना ज़रूरी है, लेकिन केवल एआई मॉडल्स या एआई-संचालित भविष्यवाणियों के भरोसे निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है. यदि यह एआई बबल वास्तव में फटता है, तो भारी नुकसान होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें: भारत के ग्रोथ पर IMF की मुहर, हाई टैरिफ लगाने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिखाया आईना



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments