वृंदावन की गलियों में अगर आप कभी गए हों तो वहां की हवा में कुछ अलग-सी भक्ति और श्रद्धा महसूस होती है और अगर बात श्री हित राधा केली कुंज आश्रम और वहां के फेमस संत प्रेमानंद जी महाराज की हो, तो श्रद्धा और विश्वास का यह रंग और भी गहरा हो जाता है. प्रेमानंद महाराज सिर्फ एक आध्यात्मिक गुरु नहीं, बल्कि हजारों-लाखों लोगों के लिए आध्यात्मिक पथ-प्रदर्शक हैं. उनके सत्संग में फिल्मी हस्तियों से लेकर कॉर्पोरेट लीडर्स तक आते हैं, विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, शिल्पा शेट्टी जैसे सेलिब्रिटी भी उनके पास आते हैं.
सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद महाराज की चर्चा लगातार जारी रहती है. वहीं प्रेमानंद महाराज के साथ उन पांच खास शिष्यों की चर्चा भी काफी होती है जो हर पल प्रेमानंद महाराज के साथ छाया की तरह मौजूद रहते हैं. लोग इन्हें महाराज के पांच पांडव कहते हैं. ये पांडव कोई आम लोग नहीं, बल्कि अपने-अपने क्षेत्र में पहले से स्थापित, पढ़े-लिखे, अनुभवी और सफल लोग थे. लेकिन एक बार जब इनका मिलन प्रेमानंद महाराज से हुआ, तो सब कुछ बदल गया. तो चलिए जानते हैं कि प्रेमानंद के साथ परछाई की तरह रहने वाले पांडवों की क्वालिफिकेशन क्या है.
क्या है प्रेमानंद महाराज के पांच पांडव की क्वालिफिकेशन?
1. बाबा नवल नगरी – बाबा नवल नगरी, जिनका नाम प्रेमानंद महाराज के सबसे करीबियों में आता है, कभी भारतीय सेना में अधिकारी थे. उनका परिवार पठानकोट, पंजाब से है और वे 2008 से 2017 तक सेना में कार्यरत रहे. 2016 में एक बार वृंदावन यात्रा के दौरान वे प्रेमानंद महाराज के सत्संग में शामिल हुए. उनकी बातों ने ऐसा प्रभाव डाला कि 2017 में उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी और महाराज की शरण में आ गए.अब वे आश्रम की सेवा में पूरी तरह समर्पित हैं और प्रेमानंद महाराज के सबसे करीबी शिष्य माने जाते हैं.
2. महामधुरी बाबा – प्रेमानंद महाराज के दूसरे शिष्य महामधुरी बाबा हैं , यह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले हैं और कभी ये एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी करते थे. एक दिन भाई के साथ आश्रम आए और महाराज के दर्शन किए. वहीं सत्संग में कुछ ऐसा असर हुआ कि उन्होंने अपनी प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी और जीवन भर महाराज की सेवा में लगने का तय कर लिया. अब वो केली कुंज आश्रम में रहते हैं और भक्ति के मार्ग पर समर्पित हैं.
3. श्यामा शरण बाबा – प्रेमानंद महाराज के तीसरे शिष्य श्यामा शरण बाबा है. जो प्रेमानंद महाराज के रिश्ते में भतीजे लगते हैं. इनका जन्म महाराज के ही गांव अखरी (जिला कानपुर) में हुआ. बचपन से ही गांव में महाराज की चर्चा सुनते-सुनते उनका मन भक्ति में शामिल हो चुका था. जैसे-जैसे बड़े हुए, महाराज के करीब आते गए और फिर एक दिन उन्होंने दीक्षा लेकर महाराज की सेवा स्वीकार कर ली. अब वे महाराज के साथ हर समय साये की तरह रहते हैं.
4. आनंद प्रसाद बाबा – प्रेमानंद महाराज के चौथे शिष्य आनंद प्रसाद बाबा कभी एक सफल फुटवियर बिजनेस चलाते थे. लेकिन एक दिन उन्हें लगा कि इस लाइफ में कुछ अधूरा है. वे प्रेमानंद महाराज के संपर्क में आए और ऐसा लगा जैसे उन्हें लाइफ का असली उद्देश्य मिल गया हो. बिजनेस छोड़कर वे आश्रम के प्रबंधन में जुड़ गए और अब पूरा समय भक्ति और सेवा में बिताते हैं.
5. अलबेलिशरण बाबा – प्रेमानंद महाराज के पांचवें शिष्य अलबेलिशरण बाबा कभी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) थे. उन्होंने अच्छी पढ़ाई की थी और उनके पास एक ब्राइट फ्यूचर था. लेकिन जब प्रेमानंद महाराज से उनका मिलन हुआ, तो उनकी लाइफ ही बदल गई. उन्होंने भी अपना सब काम पूरी तरह से छोड़कर भक्ति के मार्ग को अपना लिया. अब वे आश्रम में रहकर, महाराज के हर कार्य में सहभागी बनते हैं.
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