केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को चार सेमीकंडक्टर प्रोजोक्ट्स को मंजूरी दे दी है। इन चारों प्रोजेक्ट्स की लागत ₹4,594 है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, वैष्णव ने कहा कि सिक्सेम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2,066 करोड़ रुपये के निवेश से भुवनेश्वर में एक सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इन चार में से दो प्रोजेक्ट ओडिशा में, एक पंजाब में और एक आंध्र प्रदेश में है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भुवनेश्वर में सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित किया जाएगा।
इस परियोजना में SiCsem प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ₹2,066 करोड़ का निवेश किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि सिलिकॉन कार्बाइड एक बहुत ही मजबूत पदार्थ है और उच्च तापमान पर भी टिका रह सकता है। सिलिकॉन कार्बाइड का उपयोग हमारी मिसाइलों, उपग्रहों, दूरसंचार टावरों, रॉकेटों, रेलवे इंजनों आदि में किया जाता है।
ये चार यूनिट्स जिन्हें मंजूरी मिली है
ओडिशा में सेमीकंडक्टर इकाई – SiCSem
स्थान: भुवनेश्वर
निवेश: ₹2,066 करोड़
क्षमता: SiC-आधारित फ़ैब्रिक: 60 हज़ार वेफ़र/वर्ष; ATMP: 96 मिलियन यूनिट/वर्ष
ओडिशा में सेमीकंडक्टर इकाई – हेटेरोजेनियस इंटीग्रेशन पैकेजिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (HIPSPL)
स्थान: भुवनेश्वर
निवेश: ₹1,943 करोड़
क्षमता: ग्लास पैनल: 70,000 यूनिट/वर्ष; ATMP: 50 मिलियन यूनिट/वर्ष; 3DHI मॉड्यूल: 13,000 यूनिट/वर्ष
पंजाब में सेमीकंडक्टर इकाई – कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीडीआईएल)
स्थान: मोहाली
निवेश: ₹117 करोड़
क्षमता: 158 मिलियन यूनिट/वर्ष
आंध्र प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई – एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (ASIP)
निवेश: ₹468 करोड़
क्षमता: 96 मिलियन यूनिट/वर्ष
भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक
हाल ही में उद्योग जगत के एक अनुमान में कहा गया कि भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक दोगुने से भी अधिक होकर 100-110 अरब डॉलर के दायरे में पहुंच जाएगा। भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार 2024-2025 में लगभग 45-50 अरब डॉलर का था, जबकि 2023 में यह 38 अरब डॉलर का था। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का आकार 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर, 2024-2025 में 45-50 अरब डॉलर और 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।