हाल ही में कई भारतीय क्रिकेटरों ने संन्यास लिया है. अब इस लिस्ट में चेतेश्वर पुजारा का नाम भी जुड़ गया है. बीसीसीआई रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ियों को पेंशन देता है. लेकिन ये पेंशन कितनी होती है और साल-दर-साल कितनी बढ़ती है या फिर किसी और तरीके से बढ़ती है आइए जनते हैं…
बीसीसीआई ने अपने पूर्व खिलाड़ियों के लिए पेंशन योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत इंटरनेशनल और डोमेस्टिक स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों को हर महीने तय राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. खिलाड़ियों के मैच और खेल के स्तर के हिसाब से पेंशन की रकम तय होती है.
बीसीसीआई की स्कीम में खिलाड़ियों की उम्र भी अहम भूमिका निभाती है. जैसे-जैसे खिलाड़ी की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनकी पेंशन की राशि भी बढ़ जाती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी खिलाड़ी ने 60 साल की उम्र पार कर ली है तो उसकी पेंशन राशि में इजाफा कर दिया जाता है.
क्या हर साल बढ़ती है पेंशन?
रिपोर्ट्स के अनुसार पेंशन को हर साल नहीं बढ़ाया जाता है. लेकिन बीसीसीआई समय-समय पर इस राशि में बदलाव करता है. पिछले कुछ सालों में कई बार खिलाड़ियों की पेंशन बढ़ाई गई है. इसका मकसद यह है कि महंगाई और बदलते समय में पूर्व क्रिकेटरों को आर्थिक दिक्कत न हो.
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कौन-कौन ले सकता है फायदा?
इस योजना का लाभ वही क्रिकेटर उठा सकते हैं जिन्होंने भारत की तरफ से इंटरनेशनल मैच खेले हों या लंबे समय तक डोमेस्टिक क्रिकेट में योगदान दिया हो. इसके अलावा महिला क्रिकेटरों को भी पेंशन का फायदा मिलता है. यहां तक कि अंपायर और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी अलग से पेंशन स्कीम बनाई गई है.
कितनी है पेंशन
बता दें कि बीसीसीआई ने पिछले सालों में पेंशन में खासी बढ़ोत्तरी की थी. टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों की पेंशन 37,500 से बढ़ाकर 60,000 प्रतिमाह कर दी गई थी. वहीं फर्स्ट-क्लास खिलाड़ियों की पेंशन को भी 15,000 से बढ़ाकर 30,000 प्रति माह कर दिया गया. इसके अलावा सीनियर प्लेयर्स जो पहले 50,000 पेंशन पाते थे, अब उन्हें 70,000 प्रतिमाह मिलते हैं.
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