
नाखूनों का पीला या सफेद पड़ जाना: अगर आपके नाखून पीले या सफेद पड़ते जा रहे हैं, तो यह लिवर की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है. लिवर डैमेज के कारण शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे नाखूनों का रंग बदल सकता है.

उंगलियों का सूजन या मोटा होना: लिवर फेलियर या सिरोसिस जैसी स्थितियों में शरीर में फ्लूइड रिटेंशन होने लगती है, जिससे हाथ और खासतौर पर उंगलियों में सूजन आ सकती है. अगर उंगलियां भारी या फूली हुई महसूस हो रही हैं, तो सतर्क हो जाएं.

हथेलियों में लालिमा: जिसे “पामर एरिथेमा” कहा जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हथेलियों और उंगलियों की जड़ें लाल दिखाई देने लगती हैं. यह लिवर सिरोसिस या हार्मोनल असंतुलन की वजह से हो सकता है.

नाखूनों में सफेद लकीरें या धब्बे: लिवर की खराबी से प्रोटीन लेवल गिर सकता है, जिससे नाखूनों पर सफेद लकीरें या स्पॉट्स बनने लगते हैं. यह एक गंभीर संकेत हो सकता है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

उंगलियों के नाखूनों का टेढ़ा-मेढ़ा: लिवर की बीमारियों का असर नाखूनों की बनावट पर भी पड़ता है. अगर नाखून असामान्य रूप से टेढ़े या धुंधले हो रहे हैं, तो यह लिवर सिरोसिस या हेपेटाइटिस का लक्षण हो सकता है.

नाखूनों का नीला या बैंगनी रंग लेना: यह ऑक्सीजन की कमी और लिवर सिरोसिस का संकेत हो सकता है. यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है.
Published at : 26 Jul 2025 04:52 PM (IST)