कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने गुरुवार को कहा कि उनके विभाग ने टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से बड़े पैमाने पर छंटनी का कारण बताने को कहा है। मंत्री ने कहा, “कल हमें जानकारी मिली कि टीसीएस 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है। हमारे विभाग ने कारण जानने के लिए टीसीएस अधिकारियों को बुलाया है।” उन्होंने कहा कि सनराइज इंडस्ट्रीज को श्रम कानूनों से छूट दी गई है, लेकिन कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं। लाड ने कहा, “हमने सनराइज इंडस्ट्रीज को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर रखा है और पिछले 5 साल से हम उन्हें साल-दर-साल छूट दे रहे हैं, फिर भी कुछ शर्तें जुड़ी हैं।”
जून 2025 तक टीसीएस में थे कुल 6,13,069 कर्मचारी
‘सनराइज’ क्षेत्र का अर्थ ऐसा नया या अपेक्षाकृत नया उद्योग है जो तेजी से वृद्धि कर रहा है और जिसके भविष्य में अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण चालक बनने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “अगर वे किसी को नौकरी से निकालना चाहते हैं, तो उन्हें हमें जानकारी देनी होगी। हम उनसे इसी आधार पर बात कर रहे हैं।” टीसीएस ने अभी हाल ही में अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग दो प्रतिशत यानी करीब 12,261 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है, जिनमें से ज्यादातर कर्मचारी मध्यम और वरिष्ठ वर्ग के होंगे। जून, 2025 के अंत तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 5000 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था।
केआईटीयू ने टीसीएस के खिलाफ श्रम आयुक्त के पास दर्ज कराई थी शिकायत
टीसीएस ने बयान में कहा कि यह कदम कंपनी की ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो टेक्नोलॉजी, एआई डेप्लॉयमेंट, मार्केट एक्सपेंशन और वर्कफोर्स रीस्ट्रक्चर में निवेश पर केंद्रित है। कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने बड़े पैमाने पर छंटनी पर कड़ी आपत्ति जताई थी और अतिरिक्त श्रम आयुक्त जी. मंजूनाथ के समक्ष टीसीएस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एक बयान में, संघ ने कहा कि उसने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही सेवा विवरणों की रिपोर्टिंग के संबंध में कर्नाटक सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ