फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर में चला एक संयुक्त अभियान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है. सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर एक बड़े आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सबसे चौंकाने वाला नाम है डॉक्टर मुजम्मिल शकील का. पुलिस के अनुसार, वह फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था और उसके कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एके-47 रायफल और सैकड़ों कारतूस बरामद किए गए हैं. बताया जा रहा है कि मुजम्मिल मेडिकल प्रोफेशनल होने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी में पढ़ाता भी था, लेकिन अब वही डॉक्टर आतंक की राह पर चला गया.
जांच एजेंसियों को शक है कि उसने अपने मेडिकल ज्ञान का इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने में किया. उसके पास मिला बारूद का जखीरा किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क सिर्फ हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी कड़ियां जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और गुजरात तक फैली हैं. दरअसल, इसी हफ्ते गुजरात एटीएस ने भी तीन संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा था, जिनमें एक हैदराबाद का एमबीबीएस डॉक्टर शामिल था.
कब बनी थी यूनिवर्सिटी?
अब बात करते हैं उस संस्था की, जिसका नाम इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा लिया जा रहा है फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी. यह यूनिवर्सिटी साल 2014 में हरियाणा विधानसभा के एक विशेष अधिनियम के तहत बनाई गई थी और 2015 में इसे यूजीसी की मान्यता मिली. करीब 70 एकड़ में फैला इसका परिसर हरियाणा के नूंह बॉर्डर के पास स्थित है. यहां भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के छात्र भी पढ़ते हैं. यूनिवर्सिटी के अंदर एक बड़ा 650 बेड वाला अस्पताल भी है, जो अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर का हिस्सा है. यही वह जगह है जहां से मुजम्मिल जुड़ा हुआ था.
कौन करता है संचालन?
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है. यह ट्रस्ट यूनिवर्सिटी के साथ कई अन्य संस्थान भी चलाता है जैसे अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, अल-फलाह स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज और अल-फलाह स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट. यानी शिक्षा के लगभग हर क्षेत्र में इस ट्रस्ट ने अपनी जड़ें फैला रखी हैं.
कराए जाते हैं ये कोर्स
इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी जैसे कई कोर्स चलाए जाते हैं. वहीं इसका मेडिकल कॉलेज भी काफी प्रसिद्ध है, जहां एमबीबीएस की करीब 200 सीटें और एमडी की 38 सीटें हैं. यहां एमबीबीएस की कुल फीस लगभग 80 लाख रुपये तक है. यानी अल-फलाह यूनिवर्सिटी देश के प्रमुख निजी मेडिकल संस्थानों में गिनी जाती है.
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