उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीति गर्मा गई है. इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम घोषित कर दिया है. उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रेड्डी के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. उन्होंने इसे विचारधारा की लड़ाई बताया और कहा कि इंडिया ब्लॉक की बैठक में सभी दल रेड्डी के नाम पर एकमत हुए.
किसान परिवार से निकलकर पहुंचे न्यायपालिका तक
बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 1946 में आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था. गांव के माहौल से निकलकर उन्होंने शिक्षा की ओर कदम बढ़ाया और हैदराबाद में पढ़ाई की. साल 1971 में उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की और वकालत की दुनिया में कदम रखा.
वकालत की शुरुआत और सरकारी वकील की जिम्मेदारी
पढ़ाई पूरी करने के बाद रेड्डी ने आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना नाम दर्ज कराया. उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों की पैरवी की. वकालत के दौरान उनकी मेहनत और ईमानदारी की वजह से उन्हें 1988 में सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील के तौर पर काम करने का मौका मिला. इसके बाद 1990 में वे केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी बने.
न्यायपालिका में अहम भूमिका
बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपने करियर में कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं. उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के तौर पर काम किया. 2 मई 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया. इसके बाद 2005 में वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. न्यायपालिका में अपने लंबे अनुभव के चलते उन्हें उच्च स्तर पर भी सराहना मिली.
सुप्रीम कोर्ट के जज बने
रेड्डी की पहचान एक गंभीर, निष्पक्ष और सख्त जज के तौर पर रही. गुवाहाटी हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया. यहां रहते हुए उन्होंने कई बड़े फैसले दिए और न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया.
सीपी राधाकृष्णन ने कहां से की पढ़ाई?
वहीं, सीपी राधाकृष्णन की बात करें तो उन्होंने 1978 में तूतीकोरिन के वी.ओ.सी. कॉलेज (मदुरै यूनिवर्सिटी) से बीबीए की डिग्री हासिल की. फिर उन्होंने राजनीति विज्ञान में पढ़ाई की और सामंतवाद का पतन विषय पर पीएचडी की. इसके बाद उन्हें डॉक्टर की उपाधि मिली. साथ ही साथ उन्हें खेलों का भी शौक है. कॉलेज में वे टेबल टेनिस के चैंपियन थे.
आरएसएस और राजनीति में शुरुआती कदम
सीपी राधाकृष्णन का झुकाव राजनीति और समाज सेवा की ओर बहुत कम उम्र से ही हो गया था. सिर्फ 17 साल की उम्र में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनसंघ जैसे संगठनों से जुड़ना शुरू कर दिया.
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