सरकार, नेशनल हाईवे (NH) पर लगने वाले टोल से आम यात्रियों को एक और राहत देने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार, सड़क परिवहन मंत्रालय ने 10 मीटर चौड़े, दो-लेन वाले नेशनल हाईवे को चार-लेन में विस्तारित करने के दौरान टोल को आधा करने का प्रस्ताव दिया है। यानी मौजूदा लग रहे टोल में 50% की छूट मिलेगी। मंत्रालय ने यह प्रस्ताव इसलिए रखा कि क्योंकि राजमार्गों पर निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों को बेहतर सर्विस नहीं मिल पाती है, क्योंकि निर्माण के दौरान एनएच की चौड़ाई कम हो जाती है। आपको बता दें कि मौजूदा समय में ऐसे 2 लेन वाले एनएच पर समान्य टोल का 60% शुल्क लिया जाता है, भले उसपर निर्माण कार्य ही क्यों नहीं चला रहा हो। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद टोल में 30% की कमी आ जाएगी।
मंजूरी मिलने पर इतना देना होगा टोल
अगर सड़क परिवहन मंत्रालय का यह प्रस्ताव पारित हो जाता है और वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिल जाती है, तो निर्माण के दौरान हाईवे पर सफर करने वाले को सामान्य टोल से 30 प्रतिशत तक कम टोल देना होगा। 4 लेन वाले राजमार्गों को छह लेन तक चौड़ा करने या छह लेन वाले राजमार्गों को आठ लेन तक विस्तारित करने के मामले में, निर्माण चरण के दौरान प्रभार्य टोल सामान्य दर के 75 प्रतिशत पर सीमित है।
देशभर में 2 लेन वाले एनएच 4 लेन के होंगे
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अगले दो वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 25,000 किलोमीटर दो लेन वाले राजमार्गों को चार लेन वाले राजमार्गों में परिवर्तित करने की योजना की घोषणा की है। ऐसे में सड़क परिवहन मंत्रालय का यह प्रस्ताव वाजिब है। इसको मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने के बाद देशभर के एनएच पर निर्माण के दौरान लोगों को कम टोल देना होगा, जिससे उनकी बड़ी बचत होगी। सरकार अगले दशक में दो-लेन वाले एनएच के विस्तार पर ध्यान देगी, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल 1.46 लाख किलोमीटर लंबाई में से लगभग 80,000 किलोमीटर इसी श्रेणी में आते हैं।
हाल ही में सरकार ने ये भी राहत दी
इससे पहले, यात्रियों को राहत देने के लिए, सरकार ने 3,000 रुपये वार्षिक टोल पास योजना की घोषणा की थी, जिससे निजी वाहन सालाना 200 टोल प्लाजा पार कर सकेंगे। हाल ही में, सरकार ने राजमार्गों पर पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड खंडों जैसी संरचनाओं के लिए टोल दर में 50 प्रतिशत तक की कमी करने के लिए एक नया नियम अधिसूचित किया है, जिससे वाणिज्यिक और भारी वाहनों को लाभ होगा।