Thursday, November 6, 2025
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इजरायल ने लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर बरसाए बम, IDF बोला- नहीं बढ़ने देंगे ताकत



इजरायल ने गुरुवार (6 नवंबर 2025) को एक बार फिर लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक्स पर पोस्ट कर हिज्बुल्लाह के खिलाफ हवाई हमले की पुष्टि की.

हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल का हमला

आईडीएफ की ओर से साझा जानकारी के अनुसार उन्होंने हिज्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया है. हिजबुल्लाह के इन ठिकानों को पिछले साल तबाह कर दिया गया था. हालांकि, फिर से इन्हीं ठिकानों का इस्तेमाल उपकरणों को बनाने के लिए किया जा रहा था. इजरायल का कहना है कि ऐसा करके सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है.

इजरायली मीडिया के अनुसार, हमास ने इजरायल के स्टाफ सार्जेंट इते चेन के अवशेषों वाला ताबूत शव मंगलवार (4 नवंबर 2025) रात को आईडीएफ को सौंप दिया था. वह गाजा पट्टी में अमेरिकी नागरिकता वाले अंतिम मृत बंधक थे.

‘हिज्बुल्लाह को ताकतवर नहीं बनने देंगे’

इजरायल सरकार के प्रवक्ता शोश बेडरोसियन ने गुरुवार को कहा, “हम हिजबुल्लाह को पुनः हथियारबंद होने, संगठित होने, इजरायल को धमकी देने के लिए अपनी ताकत बढ़ाने की अनुमति नहीं देंगे.” यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम और उनकी सरकार बेरूत में बैठक कर रहे थे, ताकि देश में हिजबुल्लाह और अन्य गैर-सरकारी सशस्त्र समूहों को निरस्त्र करने की योजना पर कार्रवाई की जा सके.

लेबनान के अधिकारियों को हिज्बुल्लाह का पत्र

दूसरी ओर हिज्बुल्लाह ने लेबनान के शीर्ष अधिकारियों को एक लेटर लिखा है. इस लेटर में हिज्बुल्लाह ने इजरायल के साथ वार्ता करने के बजाय युद्धविराम के नियमों का अनुसरण करने के लिए मजबूर करने का आग्रह किया है. हिज्बुल्लाह ने यह लेटर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और संसद अध्यक्ष को लिखा है.

हिज्बुल्लाह ने कहा है कि हथियारों के एकाधिकार के संबंध में सरकार के जल्दबाजी में लिए गए फैसले ने इजरायल को स्थिति का फायदा उठाने का मौका दिया है. हथियारों के मुद्दे पर देश के अंदर चर्चा की जानी चाहिए. हथियारों को लेकर इजरायल या किसी अन्य विदेशी मांग के आगे नहीं झुकना चाहिए था.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जो सीजफायर प्लान पेश किया था, उसके तहत न केवल बंधकों और कैदियों की रिहाई बल्कि हथियार डालने की बात पर भी सहमति बनी थी. इस पूरे पीस प्लान में अहम मुद्दा हथियार डालना था. वहीं इजरायल का कहना है कि अगर इन समूहों की तरफ से हथियार नहीं हटाए गए, तो हमले फिर से शुरू हो जाएंगे.



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