
साइबर सिक्योरिटी नियम
Cyber Security Rules: भारत सरकार ने बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए नए साइबर सुरक्षा नियम लागू किए हैं, जो अब टेलीकॉम कंपनियों, फाइनेंस सेक्टर और इंश्योरेंस कंपनियों पर लागू होंगे। इन नियमों के तहत, कंपनियों को ग्राहक डेटा की सुरक्षा करनी होगी और किसी भी साइबर घटना की तुरंत सूचना CERT-In को देनी होगी। इन नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी, रैंसमवेयर और डेटा उल्लंघन जैसी साइबर घटनाओं को रोकना है, जिससे ग्राहकों और व्यवसायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इन कंपनियों को अब ग्राहक डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।
SMS भेजने के नियम हुए सख्त
कंपनियों जैसे बैंक, ई-कॉमर्स साइट की तरफ से भेजे जाने वाले व्यावसायिक SMS पर भी सख्त नियम लागू किए गए हैं, ताकि फर्जी लिंक और मैसेज को रोका जा सके। अब किसी भी कंपनी को SMS भेजने से पहले ही टेलीकॉम कंपनियों को बताना होगा कि उनके मैसेज में कौन-सा लिंक या नंबर जाएगा, और क्यों भेजा जाएगा। सभी कंपनियों को अपने SMS के पुराने टेम्पलेट को एक निश्चित समय-सीमा जैसे 60 दिन के भीतर अपडेट करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो उनके मैसेज भेजे ही नहीं जाएंगे। फर्जी लिंक तुरंत पहचान में आने की ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे मोबाइल नेटवर्क तुरंत यह पहचान कर पाएंगे कि मैसेज में डाला गया लिंक असली है या नकली। अगर वह खतरनाक या फर्जी होगा, तो नेटवर्क उसे तुरंत रोक सकेंगे। अधिक कंपनियों पर लागू होते हुए ये नियम अब केवल टेलीकॉम कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि वित्तीय और बीमा क्षेत्र की कंपनियों पर भी लागू होंगे।
TRAI ने फर्जी या अनचाहे कमर्शियल कॉल/मैसेज (Unsolicited Commercial Communication – UCC) करने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान भी किया है और बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। खासकर फाइनेंशियल फ्रॉड (बैंकिंग, लोन आदि) से जुड़े उल्लंघन पर जुर्माने की रकम पहले उल्लंघन पर 2 लाख रुपये, दूसरे पर 5 लाख रुपये और बाद में 10 लाख रुपये तक हो सकती है।
क्या है साइबर सुरक्षा नियम के तहत सरकार का दूसरा प्लान
सरकार की कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सिस्टम लागू करने की योजना है, जिसके बाद अब कौन कॉल कर रहा है, आपको पता चलेगा। आपके मोबाइल पर कॉल आने पर सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि कॉल करने वाले का नाम भी दिखाई देगा। ये वैसे ही होगा जैसे ट्रूकॉलर में होता है, लेकिन यह फीचर सीधे टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दिया जाएगा। इसके बाद फ्रॉड कॉल को पहचानना आसान होगा और इससे फर्जी या अनजान नंबर से आने वाले फ्रॉड कॉल को पहचानना बहुत आसान हो जाएगा, जिससे आप उन्हें उठाने से बच सकते हैं।
अनजान नंबर ब्लॉक हो जाएंगे और सरकार ऐसे नंबरों की पहचान करके उन्हें ब्लॉक भी करेगी जो फ्रॉड करने में इस्तेमाल होते हैं।
ग्राहकों के लिए क्या-क्या आसान हुआ है?
अब आप फर्जी कॉल और मैसेज की शिकायत 3 दिन के बजाय 7 दिन के भीतर दर्ज कर सकते हैं और आपकी शिकायत पर कार्रवाई करने की समय-सीमा को 30 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है। ये नियम डिजिटल कम्युनिकेशन को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए लाए गए हैं, ताकि करोड़ों मोबाइल यूजर्स को फ्रॉड से बचाया जा सके।
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