
भारत में हवाई यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। अक्सर लोग फ्लाइट टिकट बुक तो कर लेते हैं, लेकिन अचानक किसी इमरजेंसी, पारिवारिक संकट या प्लान बदलने पर आखिरी वक्त में टिकट कैंसिल करनी पड़ जाए तो पूरा पैसा डूब जाने का डर बना रहता है। अभी भी यदि कोई यात्री उड़ान से तीन घंटे पहले टिकट रद्द करता है, तो उसे नो-शो मानकर पूरी राशि जब्त कर ली जाती है। लेकिन अब यह चीज बहुत जल्द बदल सकती है। सरकार ऐसा सिस्टम लागू करने की तैयारी कर रही है, जिसमें यात्री आखिरी क्षणों में भी टिकट रद्द करें तो उन्हें मोटा रिफंड मिल सके।
क्या है नई प्लानिंग
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एक ऐसे मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें हर टिकट में एक छोटा-सा इन-बिल्ट इंश्योरेंस कॉम्पोनेन्ट जोड़ा जाएगा। खास बात यह कि इसके लिए यात्रियों को कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं देने होंगे। एयरलाइंस खुद इंश्योरेंस कंपनियों से टाई-अप करके यह प्रीमियम वहन करेंगी। सूत्रों का कहना है कि अगर हर टिकट में लगभग 50 रुपये का इंश्योरेंस प्रीमियम शामिल किया जाए, तो यात्री उड़ान से 3-4 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर भी 80% तक का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। एक प्रमुख एयरलाइन पहले ही इंश्योरेंस कंपनियों से इस मॉडल पर बातचीत शुरू कर चुकी है। एक अधिकारी के मुताबिक, “हम कोशिश कर रहे हैं कि सबसे कम किराये वाले किराया वर्ग में ही यह इंश्योरेंस जुड़ जाए, जिससे यात्रियों को बिना एक्स्ट्र फीस के लाभ मिले।
नया रिफंड मॉडल क्यों जरूरी है?
एविएशन सेक्टर से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, आखिरी वक्त की कैंसिलेशन पर रिफंड न मिलने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। किसी के परिवार में अचानक मृत्यु, मेडिकल इमरजेंसी या जरूरी काम पड़ जाने पर यात्री यात्रा नहीं कर पाते, लेकिन पूरा पैसा भी वापस नहीं मिलता। यह अनिश्चितता कई लोगों को टिकट बुक करने से भी रोकती है।
DGCA भी रिफंड नियमों में बदलाव की तैयारी में
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने भी माना है कि रिफंड से जुड़े विवाद सबसे आम शिकायतें हैं। इसी वजह से DGCA अपने नियमों में संशोधन कर रहा है, ताकि एयरलाइंस को रिफंड के लिए न्यूनतम मानक तय करने पड़ें। नए नियम सुझावों के बाद जल्द फाइनल किए जाएंगे।


