अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। ट्रंप ने इसके साथ ही भारत पर रूस के साथ व्यापार करने के लिए अलग से जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया। भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका को निर्यात किया जाने वाले भारत का लगभग आधा व्यापार प्रभावित होगा। अमेरिका के इस फैसले से भारतीय एक्सपोर्टर काफी परेशान हैं। ऐसे में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 2 से 4 अगस्त तक मुंबई में खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, इंजीनियरिंग और रसायन समेत अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपोर्टरों के साथ बैठक करेंगे और अमेरिका द्वारा घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ के प्रभावों पर चर्चा करेंगे। एक अधिकारी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स समेत करीब आधा निर्यात टैरिफ के दायरे से बाहर
अधिकारी ने बताया कि मछली पालन, इंजीनियरिंग, आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्रों के एक्सपोर्टर भी इस विचार-विमर्श में हिस्सा लेंगे। चमड़ा क्षेत्र के एक्सपोर्टरों के 4 अगस्त को मंत्री से मिलने की उम्मीद है। अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका को होने वाले 86 अरब डॉलर के भारतीय एक्सपोर्ट में से लगभग आधे पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स समेत करीब आधे निर्यात को टैरिफ से छूट दी गई है। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि भारत, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रखे हुए है। लेकिन भारत एग्रीकल्चर, डेली यूज और जीएम प्रॉडक्ट्स पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इन सेक्टरों पर पड़ेगा सबसे बुरा असर
अमेरिकी टीम भारत के साथ व्यापार समझौते पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को भारत आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ का सबसे ज्यादा असर उन सेक्टरों की कंपनियों और एक्सपोर्टरों पर पड़ेगा, जिनका बड़े पैमाने पर अमेरिका को निर्यात किया जाता है। ऐसे निर्यातों में करीब 12 अरब डॉलर का रत्न और आभूषण, 10.3 अरब डॉलर का वस्त्र एवं परिधान, 9 अरब डॉलर के बिजली और मशीन उपकरण, 2.24 अरब डॉलर का झींगा, 2.34 अरब डॉलर का रसायन, 2 अरब डॉलर का पशु उत्पाद और करीब 1.18 अरब डॉलर का चमड़ा और फुटवियर शामिल हैं।