Monday, November 3, 2025
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अमेरिका से टैरिफ वार्ता पर बोले रघुराम राजन, भारत को जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए फैसला


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India US trade talks: भारत के पूर्व रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने भारत और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रैरिफ वार्ता को लेकर अपनी राय रखी है. राजन ने अमेरिकी थिंक टैंक DeKoder को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि, भारत को अमेरिका से चल रही ट्रेड वार्ता में अपने टैरिफ का स्तर 10 से 20 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य रखना चाहिए. भारत को ऐसा कोई भी वादा नहीं करना चाहिए, जिसे निभाना मुश्किल हो.

भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड वार्ता के नतीजों को लेकर सबकी उत्सुकता बनी हुई है. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. बाजार जानकारों का मानना है कि, इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होने की पूरी संभावनाएं हैं.

पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने क्या कहा?

अमेरिकी थिंक टैंक DeKoder से बातचीत के दौरान राजन ने भारत को टैरिफ स्तर 10 से 20 प्रतिशत के दायरे में रखने की बात कही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि, भारत को जापान और यूरोपीय देशों की तरह कठोर प्रतिबद्धताएं नहीं करनी चाहिए. जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भविष्य में नुकसान हो. राजन के अनुसार, भारत अगर इस टैरिफ वार्ता को शून्य टैरिफ स्तर पर पहुंच पाए जो यह देश के लिए अच्छा होगा.

साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि, हम अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे ना छूट जाएं. अमेरिकी टैरिफ पर पूर्वी और दक्षिण एशिया के कई  देशों ने 19 प्रतिशत टैरिफ पर सहमति कर ली है. वहीं, विकसित देशों जैसे यूरोप और जापान की बात करें तो, 15 प्रतिशत पर टैरिफ सहमति बनी है. रघुराम राजन को लगता है कि, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भारत को अमेरिका से टैरिफ स्तर पर 10 से 20 प्रतिशत के बीच रखना चाहिए. 

भारत-अमेरिका के बीच जारी है टैरिफ वार्ता

अमेरिका ने भारत से आयात होने वाली चीजों पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाया है. जिससे भारतीय उत्पादों की मांग अमेरिकी बाजार में गिरने की संभावना है. अमेरिका और भारत के बीच कई स्तर पर टैरिफ वार्ता हो चुकी है. पिछले ही दिनों भारत का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी यात्रा से लौटा है.

दोनों ही देशों की तरफ से वार्ता के सकारात्मक होने के संकेत दिए जा रहे हैं. रूसी तेल खरीदने पर रोक की बात अमेरिका कर रहा है. हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि, उनका उद्देश्य भारतीय की इंटरेस्ट के अनुसार ही होगा. 

यह भी पढ़ें: त्योहारी सीजन में चमकी भारतीय इकोनॉमी, पेट्रोल खपत पहुंची अपने हाई लेवल पर  



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