
कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने देश के श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए ग्रेच्युटी को लेकर सबसे बड़ा सुधार किया है। पहले ग्रेच्युटी का लाभ पाने के लिए कर्मचारियों को एक ही कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करना अनिवार्य था, जिसकी वजह से लाखों कर्मचारी इस फायदे से वंचित रह जाते थे। लेकिन नए लेबर कोड लागू होने के बाद अब सिर्फ 1 साल नौकरी करने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा। यानी नौकरी छोड़ने या बदलने की स्थिति में कर्मचारियों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
क्या है नया नियम?
सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों को बदलकर केवल 4 नए लेबर कोड लागू किए हैं, जिनमें वेज, सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्युपेशनल सेफ्टी शामिल हैं। इसी के तहत ग्रेच्युटी को लेकर बड़ा दायरा बढ़ाया गया है। अब न सिर्फ परमानेंट कर्मचारी बल्कि फिक्स्ड-टर्म, कॉन्ट्रैक्ट, गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और माइग्रेंट वर्कर्स भी ग्रेच्युटी पाने के हकदार होंगे। यह सभी कर्मचारियों के लिए बड़ा आर्थिक सुरक्षा कवच साबित होगा।
1 साल में ग्रेच्युटी पाने का क्या मतलब?
पहले जहां ग्रेच्युटी का लाभ केवल उन कर्मचारियों को दिया जाता था जिन्होंने 5 साल की लगातार सर्विस दी हो, वहीं अब 1 साल की सर्विस पर भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। इससे उन युवाओं को भी लाभ मिलेगा जो नौकरी बदलते रहते हैं या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं।
1 साल की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी की गणना करने का फॉर्मूला वही है:
ग्रेच्युटी = अंतिम बेसिक सैलरी × (15/26) × कुल सर्विस (साल में)
मान लीजिए किसी कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और वह 1 साल काम करके नौकरी छोड़ देता है तो ग्रेच्युटी कुछ ऐसे निकलेगी:
50,000 × (15/26) × 1 = 28,847 रुपये
यानी एक साल की नौकरी पर कर्मचारी को लगभग 28,800 रुपये तक की ग्रेच्युटी मिल सकती है।
ग्रेच्युटी होती क्या है?
ग्रेच्युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली एक आर्थिक सहायता है, जिसे एक तरह से सराहना राशि भी कहा जा सकता है। यह आपकी सर्विस और सैलरी के आधार पर तय होती है। अब नए नियम में इससे जुड़ी सबसे बड़ी बाधा 5 साल की अनिवार्य सेवा को हटाकर कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा कदम उठाया गया है।
क्यों है यह बदलाव महत्वपूर्ण?
- नौकरी बदलने वाले युवाओं को बड़ा फायदा
- कॉन्ट्रैक्ट और फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को पहली बार स्पष्ट लाभ
- सभी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा
- महिलाओं, माइग्रेंट और गिग वर्कर्स को भी समान अधिकार


