
देश के लाखों छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) रजिस्ट्रेशन के लिए हफ्तों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने 1 नवंबर से एक सरल और तेज GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत छोटे और लो-रिस्क कारोबारियों को सिर्फ तीन वर्किंग दिनों में रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह स्कीम करीब 96 प्रतिशत नए आवेदकों को फायदा पहुंचाने वाली है।
नई व्यवस्था में दो तरह के कारोबारी इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे। पहले वे लोग, जिन्हें GST सिस्टम अपने डेटा एनालिसिस के आधार पर ‘लो-रिस्क’ यानी कम जोखिम वाला कारोबार मानेगा। दूसरे वे कारोबारी, जो खुद यह घोषणा करेंगे कि उनकी मासिक टैक्स देनदारी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है। यानि अब छोटे और सुरक्षित कारोबार करने वालों को GST रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी और कठिन प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। उन्हें सिर्फ 3 दिन में रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा।
GST काउंसिल की बैठक में मिली मंजूरी
इस योजना को GST काउंसिल ने 3 सितंबर को अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। योजना के तहत कोई भी कारोबारी स्वेच्छा से इसमें शामिल हो सकता है और जरूरत पड़ने पर इससे बाहर भी निकल सकता है। सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों पर प्रशासनिक बोझ को कम करना और उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था में तेजी से शामिल करना है।
निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गाजियाबाद में CGST भवन के उद्घाटन समारोह में कहा कि 1 नवंबर से शुरू होने वाली यह स्कीम GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बेहद सरल बनाएगी। फील्ड टीमों का दायित्व है कि यह पूरी तरह सुचारू तरीके से लागू हो और किसी प्रकार की रुकावट न आए। उन्होंने साथ ही CBIC को निर्देश दिया कि देशभर के GST सेवा केंद्रों पर एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित किया जाए, ताकि कारोबारियों को आवेदन प्रक्रिया में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि फिलहाल देशभर में 1.54 करोड़ से ज्यादा बिजनेस GST सिस्टम के तहत रजिस्टर्ड हैं। सरकार का मानना है कि इस नई स्कीम से न केवल रजिस्ट्रेशन की गति बढ़ेगी, बल्कि छोटे व्यवसायों की भागीदारी और टैक्स कंप्लायंस भी मजबूत होगा।


