गाजीपुर से सांसद व सपा नेता अफजाल अंसारी ने अखिलेश यादव के लिए तारीफों के कसीदे पढ़े हैं. अफजाल अंसारी ने कहा, “दिल्ली में वोट चोरी और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिलेश यादव ने बैरिकेडिंग फांदकर जो किया, वह भगत सिंह की याद दिलाता है.
अफजाल अंसारी ने कहा, “अंग्रेजों के संसद भवन में कार्रवाई के दौरान भगत सिंह ने बम किसी को मारने के मकसद से नहीं फेंका था, उनका मकसद बेईमानों के महफिल में इंकलाब जिंदाबाद करना था. वही काम अखिलेश यादव ने किया है. अखिलेश यादव ने बताया है कि बेईमानों के खिलाफ खड़े हो जाओ, जो वोट काटने वालों के खिलाफ खड़े हो जाओ, चोरी करने वालों के खिलाफ खड़े हो जाओ.”
‘जो बीजेपी के पक्ष में वोट नहीं करते वो कटते रहे हैं’
राहुल गांधी के द्वारा वोट चोरी का आरोप लगाएं जाने पर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि, “यह पहले भी होता रहा है पहले छिपकर होता था लेकिन जब से 2014 में मोदी और 2017 में योगी जी की सरकार बनी तब से निर्वाचन क्षेत्र में वोट काटते रहे हैं जो भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करते थे.”
अफजाल अंसारी ने कहा, “यह कोई चोरी की नई चीज नहीं है, बल्कि यह डकैती की चीज है, क्योंकि निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में प्रधानमंत्री खुद और उन्हीं के मंत्री परिषद का एक सदस्य होगा और एक प्रतिपक्ष का नेता होगा.”
‘अब निर्वाचन आयोग की बेईमानी उजागर हुई’
अफजाल अंसारी ने यह भी कहा कि, पहले छिपकर वोट काटा जाता था लेकिन अब सीनाजोरी की तरह बिहार में 8 करोड़ मतदाताओं के वोट को रिव्यू करने काम किया गया. योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया, इसके लिए लोग सुप्रीम कोर्ट में भी गए, पार्लियामेंट के अंदर और पार्लियामेंट के बाहर विरोध किया. अब निर्वाचन आयोग की बेईमानी उजागर हो रही है.
गाजीपुर सांसद ने कहा कि, अखिलेश यादव ने भी इस मामले को पहले उठाया था, तब चुनाव आयोग ने इसे निराधार बताया था और इसका सबूत मांगा था. इसके लिए 18000 बयान हल्फ़ी गई थी, तब चुनाव आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया था. अफजाल अंसारी ने कहा, जब कोई पापी एक सवाल छुपा लेता है, तब उसका हौसला बढ़ जाता है. फिर वह बार-बार पाप करता है, उसके बाद उसकी बुद्धि मारी जाती है.
उन्होंने कहा कि, इनकी बुद्धि भ्रष्ट हुई थी और बिहार के जनता से यह घबरा गए. उन्होंने वोट चोरी का रास्ता अपना लिया, पहले इन्होंने महाराष्ट्र में 60 लाख नए मतदाता जोड़ दिए थे और बिहार में बचने के लिए 65 लाख मतदाताओं का नाम काट दिया गया.
विधायक पूजा पाल के पार्टी से निष्कासन पर दी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी दरिया दिल वाली पार्टी है सपा के सिंबल से जीते हुए कई विधायकों ने राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट कर दिया था. समाजवादी पार्टी ने कई सालों तक उनके लिए कोई कलम नहीं चलाया लेकिन कई सालों के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित किया. वे लोग अब खुश हैं कि हम निष्कासित हो गए और आजाद हो गए. वही पूजा पाल के निष्कासन पर कहा कि उन्हें इस बारे में पता नहीं है, लेकिन जो नेतृत्व का निर्णय है वह सीर्णोद्धार है.
अफजाल अंसारी ने कहा, अब्बास अंसारी सरकार के मुखिया के विरुद्ध भारी बहुमत से चुनाव जीतकर गए थे, जो सरकार को खल रहा था. भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया. देश के नागरिक की कहीं भी उम्मीद जीवित है तो उसे अपने न्यायपालिका पर भरोसा है उनके अगेंस्ट में फैसला आया अब उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है जजमेंट रिजर्व है दो-चार दिन के बाद फैसला सामने आ जाएगा.