पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 742.12 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 202.05 अंक लुढ़का। ऐसे में निवेशकों के मन में सोमवार से शुरू हो रहे अगले हफ्ते में बाजार की चाल को लेकर शंका है। क्या बाजार में गिरावट रहेगी या तेजी लौट सकती। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार की दिशा अगले हफ्ते महंगाई के आंकड़ों, व्यापार से जुड़े घटनाक्रमों, कंपनियों के तिमाही नतीजों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा वैश्विक बाजार के रुझान भी कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे। शुक्रवार यानी 15 अगस्त को शेयर बाजार स्वतंत्रता दिवस पर बंद रहेंगे।
महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी सबकी नजर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह सभी की निगाह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों, भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों से जुड़े घटनाक्रमों पर रहेगी। अब तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त होने वाला है। सप्ताह के दौरान अशोक लेलैंड, ओएनजीसी, आईओसी, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, बीपीसीएल और अन्य कंपनियों के नतीजे आएंगे, जिससे शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
अमेरिकी ट्रेड वॉर भी असर डालेगा
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, इस सप्ताह व्यापार वार्ता, व्यापक आर्थिक आंकड़े, तिमाही नतीजे और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका से कोई घटनाक्रम बाज़ार को प्रभावित करेगा। मीणा ने कहा कि भारत, अमेरिका और चीन इस सप्ताह महत्वपूर्ण आंकड़े जारी करेंगे। ऊंचे शुल्क की वजह से 12 अगस्त को आने वाला अमेरिका का मुद्रास्फीति का आंकड़ा काफी महत्व रखता है। भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़े भी उसी दिन जारी होंगे। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही का नतीजों का सीजन लगभग समाप्ति की ओर है, लेकिन कुछ कंपनियों ने अभी तक अपने नतीजे घोषित नहीं किए हैं।
बाजार में कमजोरी की स्थिति रहेगी
विदेशी निवेशकों ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाज़ार से लगभग 18,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख-संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘तिमाही नतीजों का सीजन अब समाप्त हो रहा है, जिससे शेयर-विशिष्ट गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, हमारा मानना है कि शुल्क के मोर्चे पर स्पष्टता आने तक शेयर बाजार में कमजोरी की स्थिति रहेगी। इस अस्थिर माहौल में, निवेशक घरेलू मोर्चे की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।