Monday, December 29, 2025
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अगर दिया भड़काऊ भाषण तो हो सकती है 10 साल तक की जेल, इस राज्य में कैबिनेट ने पास किया कानून, विधानसभा में होगा पेश



कर्नाटक सरकार ने गुरुवार (04 दिसंबर, 2025) को हेट स्पीच और हेट क्राइम्स पर नियंत्रण के लिए तैयार किए गए ऐतिहासिक विधेयक को मंजूरी दे दी. द हेट स्पीच एंड हेट क्राइम्स (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) बिल अब राज्य विधानसभा में पेश किए जाने के लिए तैयार है.

ABP न्यूज़ को मिले बिल के मसौदे के अनुसार, इसमें सांप्रदायिक तनाव फैलाने, घृणा भाषण देने या नफ़रत भड़काने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया है.

हेट स्पीच पर कितनी होगी सजा? 

बिल में कई महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनमें हेट स्पीच अपराधों के लिए कठोर सजाएं शामिल हैं. पहली बार दोषी पाए जाने पर एक से सात साल तक की कैद और ₹50,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा. दोबारा अपराध करने पर सज़ा बढ़ाकर दो से दस साल की कैद और ₹1,00,000 तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है. सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे तथा मामलों की सुनवाई ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास द्वारा की जाएगी. अदालतों को पीड़ितों को हुए नुकसान के अनुरूप मुआवज़ा देने का अधिकार भी दिया गया है.

कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके. पाटिल ने कहा कि यह कानून समाज में अनावश्यक अशांति रोकने के उद्देश्य से लाया जा रहा है. उन्होंने कहा, दंड और सज़ाओं के मामले में हमने बेहद कड़े प्रावधान किए हैं. हेट स्पीच के खिलाफ यह कानून बहुत सख़्ती से काम करेगा.

पाटिल ने यह भी कहा कि देश में फिलहाल ऐसा कोई पर्याप्त कानून नहीं है, इसलिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विधेयक असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए नहीं है, लेकिन घृणा फैलाने वालों पर कानून कड़ी कार्रवाई करेगा.

इसके साथ ही कैबिनेट ने कई मसौदा विधेयकों को भी मंज़ूरी दी. इनमें शामिल हैं-

1. कर्नाटक हेट स्पीच एंड हेट क्राइम्स प्रिवेंशन बिल
2. बायलुसीमे एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (संशोधन) बिल
3. मालनाड एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (संशोधन) बिल
4. कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्था और बंदोबस्त (संशोधन) बिल
5. श्री चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (संशोधन) बिल
6. कर्नाटक आंतरिक जल परिवहन नियम बिल
7. कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम — यह केंद्र सरकार की अनुदान से संबंधित स्लॉटर हाउस के प्रावधानों में संशोधन से जुड़ा है.
8. कर्नाटक सोशल बॉयकॉट (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रेड्रेसल) बिल — सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है.



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